महाराष्ट्र

ठाणे शहर को करना पड़ रहा जल किल्लत का सामना

ठाणे/12- मुंबई, ठाणे जल संकट के कगार पर हैं. इस साल भी इन शहरों को बांध में आरक्षित जल कोटे से आपूर्ति करनी होगी. पिछले दो-तीन साल से हर साल इन शहरों को जल संकट का सामना करना पड़ता है. इसी तरह, ठाणे शहर में विकास कार्य जल आपूर्ति विभाग के लिए सिरदर्द बनते जा रहे हैं. पांच वर्षों में 760 स्थानों पर जलधाराएं क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं और 13 जलधाराएं फूटने से करोड़ों लीटर पानी बर्बाद हो चुका है.

ठेकेदार द्वारा कार्य के दौरान कई जगहों पर पानी के पाइप क्षतिग्रस्त हो गये हैं या फट गये हैं. ठाणे नगर पालिका के आपदा प्रबंधन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 2019 से फरवरी 2024 की अवधि के दौरान जल चैनल से 773 पानी का रिसाव हुआ है. रविवार (10 तारीख) को दो के फटने से बड़ी मात्रा में पानी की हानि हुई कपूरबावड़े में दिंडी की ओर जाने वाली मेट्रो में 6 इंच और 2 इंच व्यास के जल चैनल काम कर रहे हैं. पानी लीकेज की दर 30 से 35 फीसदी और पानी चोरी की दर 20 से 25 फीसदी है. इसलिए ये घटनाएं बांधों में पानी के भंडारण में कमी का कारण बन रही हैं. एक जल आपूर्ति कर्मचारी  का कहना है कि पहाड़ी इलाकों और अन्य जगहों पर कई झुग्गियां अवैध रूप से जुड़ी हुई हैं. कर्मचारी और अधिकारी तनावग्रस्त हैं. इसमें कुछ ऐसे सामाजिक कार्यकर्ता भी शामिल हैं जो पार्षद पद के इच्छुक हैं. इस कर्मचारी ने बताया कि शहर में विभिन्न निर्माण स्थलों पर भी इस तरह की पानी चोरी हो रही है.

ठाणे शहर की मुख्य सड़कों के साथ-साथ गली-मोहल्लों की सड़कों को भी कंक्रीट किया गया है. सड़कों की कंक्रीटिंग के दौरान ठेकेदार द्वारा कई क्षतिग्रस्त नालों को सड़क के नीचे दबा दिया गया है. दादोजी कोंडदेव स्टेडियम में फायर ब्रिगेड से रमाबाई अंबेडकर चौक तक खरटन रोड को ठेकेदारों के माध्यम से कंक्रीट किया गया था, लेकिन सड़क की कंक्रीटिंग पूरी होने के बाद स्टेडियम के गेट नंबर दो के सामने सीमेंट रोड के नीचे पानी का चैनल फट गया, पानी का रिसाव हो गया। जारी है। यहां के सामाजिक कार्यकर्ता प्रवीण खैरालिया का आरोप है कि कर्मचारियों ने इस जगह पर अनाधिकृत पाइप जोड़ दिए हैं.

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