
अमरावती /दि.30– स्थानीय प्रमुख जिला व सत्र न्यायाधीश यार्लगुड्डा की अदालत ने माहुली जहांगीर के बहुचर्चित छेडछाड व पोक्सो मामले में नामजद आरोपी सिद्धार्थ सुरेशराव वानखडे (नांदुरा पिंगलाई) को निर्दोष करार देते हुए नाबालिग के साथ छेडछाड के आरोप से बाईज्जत बरी कर दिया. इस मामले में बचाव पक्ष की ओर से एड. नरेंद्र दुबे ने सफल पैरवी की.
जानकारी के मुताबिक एक गांव में रहनेवाली नाबालिग पीडिता माहुली जहांगीर पुलिस थाना क्षेत्र अंतर्गत अपनी नानी के घर आई हुई थी और 13 नवंबर 2016 को शाम 7 बजे दूध लाने हेतु अपनी बहन के साथ पडोस में ही गई थी. जहां से वापिस आते समय पीडिता जब लघुशंका के लिए नानी के घर के पास स्थित गली में गई तो सिद्धार्थ वानखडे ने पीडिता के पास आकर उसे पीछे पकडा और उसके साथ छेडखानी करने लगा. जिससे डरकर पीडिता और उसकी छोटी बहन ने जमकर शोरशराबा किया, जिसे सुनकर पीडिता की नानी तथा 5-6 अन्य रिश्तेदारों ने सिद्धार्थ वानखडे को पकडकर उसकी जमकर पिटाई की. इस दौरान सिद्धार्थ वानखडे मौका पाकर वहां से भाग निकला. इस समय नाबालिग पीडिता ने बताया कि, इस घटना से पहले भी सिद्धार्थ वानखडे उसका पीछा किया करता था और उसके साथ छेडखानी किया करता था. इस घटना को लेकर मिली शिकायत के आधार पर माहुली जहांगीर पुलिस ने सिद्धार्थ वानखडे के खिलाफ भादंवि की धारा 354, 354 (अ), 354 (अ) (2) व 354 (ड) तथा पोक्सो एक्ट की धारा 8 व 12 के तहत अपराधिक मामला दर्ज करते हुए अदालत में चार्जशीट पेश की. जहां पर 7 गवाहों के बयान दर्ज किए गए. इस समय बचाव पक्ष के वकील एड. नरेंद्र दुबे द्वारा किए गए युक्तिवाद को ग्राह्य मानते हुए प्रमुख जिला व सत्र न्यायाधीश यार्लगड्डा ने संदेह का लाभ देते हुए सिद्धार्थ वानखडे को नाबालिग से छेडखानी के आरोप से बरी कर दिया. बचाव पक्ष के वकील एड. नरेंद्र दुबे को एड. श्वेता आचार्य ने पैरवी में सहयोग किया.