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मांग नहीं रहने के बावजूद ईडब्ल्यूएस का आरक्षण देने को बताया जालसाजी
पुणे /दि.२६ – इस समय मराठा समाज के आरक्षण के मसले को लेकर राज्य में राजनीतिक वातावरण जबर्दस्त तपा हुआ है, और विविध मराठा संगठनों द्वारा आक्रामक भुमिका अपनाते हुए राज्य सरकार पर हल्लाबोल किया जा रहा है. सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मराठा आरक्षण पर स्थगनादेश दिये जाने के बाद मराठा समाज के पिछडे घटकों को न्याय देने हेतु सीएम ठाकरे के नेतृत्ववाली महाविकास आघाडी सरकार ने उन्हें ईडब्ल्यूएस संवर्ग के तहत आरक्षण का लाभ देने का निर्णय लिया है. लेकिन इस निर्णय का विरोध करते हुए मराठा क्रांति मोर्चा द्वारा आरोप लगाया गया है कि, इस निर्णय की आड लेते हुए सरकार ने मराठा समाज की पीठ में छूरा घोंपने का काम किया है. .
यहां पर मराठा क्रांति मोर्चा द्वारा बुलायी गयी पत्रकार परिषद में मराठा सेवा संघ के राजेंद्र कुंजीर, राष्ट्रसेवा समूह के राहुल पोकले, संभाजी ब्रिगेड के विकास पासलकर, मराठा महासंघ के अनिल मारणे, अ. भा. मराठा सेवा संघ की शशीकला भोसेकर, श्रीमंत कोकाटे व उत्तम कामठे उपस्थित थे. इन पदाधिकारियों का कहना रहा कि, मराठा समाज ने कभी भी अपने लिए ईडब्ल्यूएस आरक्षण की मांग नहीं की थी. लेकिन सरकार ने हमारे लिए इस आरक्षण को लागू कर हमें अधिक व्यापक स्वरूप और अधिकृत तौर पर मिलनेवाले आरक्षण को खत्म करने का काम किया है. साथ ही इस जरिये आघाडी सरकार ने पूरे मराठा समाज के साथ धोखाधडी करते हुए मराठा आरक्षण के लिए अपने प्राणों की आहूति देनेवाले 42 मराठा युवाओं का अपमान भी किया है. मराठा क्रांति ठोक मोर्चा के मुख्य समन्वयक रमेश केरे पाटील ने कहा है कि, यदि सरकार ने अपने फैसले को तुरंत वापिस नहीं लिया, तो मराठा समाज द्वारा सडक पर उतरकर तीव्र आंदोलन किया जायेगा.