महाराष्ट्र

किसानों को बीमा की रकम 8 दिनों में न मिली तो होगी कार्रवाई

बीमा कंपनियों को कृषि मंत्री की चेतावनी

मुंबई/दि.3- प्रदेश के कृषि मंत्री दादाजी भुसे ने वर्ष 2021 की खरीफ फसल सीजन में फसल नुकसान के लिए किसानों को बीमा राशि न देने वाली बीमा कंपनियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की चेतावनी दी है. भुसे ने बीमा कंपनियों को बीमे के प्रलंबित 848 करोड़ रुपए आठ दिनों में किसानों के बैंक खाते में जमा करने के निर्देश दिए है.
गुरुवार को मंत्रालय में भुसे ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में शामिल कंपनियों के कामकाज को लेकर समीक्षा बैठक ली. बैठक में पत्रकारों से बातचीत में भुसे ने कहा कि बीमा कंपनियों ने बीमा राशि देने के लिए सकारात्मक प्रतिसाद नहीं दिया है. इसे लेकर किसानों की नाराजगी से कानून व्यवस्था प्रभावित हुई तो इसके लिए बीमा कंपनियां जिम्मेदार होगी. भुसे ने कहा कि बीमा कंपनियां किसानों के सब्र की परीक्षा न ले. क्योंकि पिछले एक साल से प्राकृतिक आपदा और कोरोना संकट के कारण किसान काफी परेशान हैं.

 किसानों को देने हैं 1842 करोड़

भुसे ने बताया कि इस साल खरीफ सीजन में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में राज्य के 84 लाख किसानों ने आवेदन किया था. बीमा कंपनियों के पास बीमे की किश्त के रुप में 2312 करोड़ रुपए जमा कराए गए हैं. फसलों को हुए नुकसान के चलते 33 लाख 28 हजार 390 किसानों ने आवेदन किया है. बीमा कंपनियों को फसलों के नुकसान के लिए 1842 करोड़ रुपए किसानों को देना है. इसमें से 20 लाख 95 हजार 209 किसानों को 994 करोड़ रुपए उपलब्ध करा दिए गए हैं. जबकि बाकी बचे हुए 848 करोड़ रुपए किसानों को जल्द देना होगा. भुसे ने कहा कि रिलायन्स जनरल इंश्युरेंस कंपनी को छोड़कर बाकी बीमा कंपनियां किसानों को बीमा राशि तेजी से उपलब्ध करा रही है. रिलायंस जनरल इंश्यूरेंस से 17 लाख किसानों ने बीमा कराया है. रिलायंस कंपनी ने सरकार को बीमा राशि जल्द उपलब्ध कराने का भरोसा दिया है. भुसे ने कहा कि परभणी, बुलढाणा और अमरावती में किसानों को बीमे की राशि न देने वाली बीमा कंपनियों के खिलाफ फौजदारी मामला दर्ज किया जा चुका है. इस बीच भुसे ने बताया कि बीमा कंपनियों के पास वर्ष 2020 का प्रलंबित 223.35 करोड़ रुपए भी जल्द किसानों को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि बुलढाणा में किसानों ने बीमे की राशि न मिलने की शिकायत की है. बीमा कंपनियों को किसानों की शिकायतों को गंभीरता से लेना चाहिए. भुसे ने कहा कि बीमा कंपनियां अपने कामकाज के तौर तरीकों में सुधार करें.

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