महाराष्ट्र

मंत्रियों के स्टाफ की नियुक्ति को मुख्यमंत्री से अब तक नहीं मिली हरी झंडी

अनेक अधिकारी सीएम की सूची में ‘गुड वेल’ नहीं

* अनेक विभागों के कामकाज पर पड रहा है असर
मुंबई /दि.30– मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा शपथ लेने के डेढ माह बाद भी मंत्रियों को अब तक उनका पूरा स्टाफ नहीं मिल पाया है. इसके पीछे की वजह अधिकारी और कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय से हरी झंडी नहीं मिलना बताया जा रहा है.
अनेक मंत्री अपने निजी सचिव, विशेष कार्य अधिकारी और निजी सहायक नियुक्त नहीं कर पाये है. मंत्रियों ने सामान्य प्रशासन विभाग को जिन कर्मचारियों के नाम अपने-अपने विभागों में लेने के लिए भेजे है, उन्हें मंजूरी के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजा गया है. सूत्रों का कहना है कि, मुख्यमंत्री कार्यालय मंत्रियों के निजी सहायक और अधिकारी की नियुक्ति में इसलिए दखल दे रहा है, क्योंकि ऐसे करीब एक दर्जन अधिकारी है, जो मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की गुड लिस्ट में नहीं है. शिंदे गुट के एक मंत्री ने बताया कि, अब तक उनके कार्यालय में अधिकारी समेत कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं हो पायी है. जिसका असर कामकाज पर पड रहा है.

* कुछ लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतें
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि, एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान कुछ अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार और अन्य गडबडी की शिकायतें मिली थी. लेकिन उस समय ऐसे अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हो पायी थी. हालांकि उस समय इसकी जानकारी तत्कालीन उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को थी. अब मुख्यमंत्री बनने के बाद फडणवीस ने ऐसे एक दर्जन से ज्यादा अधिकारियों को मंत्रालय में नहीं रखने का निर्णय लिया है. ऐसे अधिकारियों के नाम सार्वजनिक नहीं किये गये है. लेकिन उनकी सूची मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों के पास है.

* मंत्री के कार्यालय में हो सकते है 16 लोग नियुक्त
सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी शासनादेश के अनुसार एक मंत्री के कार्यालय में केवल 16 लोगों को नियुक्त किया जा सकता है. जिनमें एक निजी सचिव, 3 विशेष कार्य अधिकारी, दो ऑपरेटर सहित क्लर्क, 6 कार्यालय सहायक, 1 ड्राइवर व 1 चपराशी शामिल है.

* शिंदे और अजीत पवार गुट पर निगरानी
सूत्रों ने बताया कि, जिन मंत्रियों के स्टाफ रखने पर कडी निगरानी रखी जा रही है. वे शिंदे और अजीत पवार गुट के है, जबकि भाजपा के ज्यादातर मंत्रियों के स्टाफ को हरी झंडी मिल चुकी है. भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि, दरअसल फडणवीस नहीं चाहते है कि, उनकी कैबिनेट के सहयोगी के कार्यालय में किसी दागी अधिकारी की नियुक्ति हो, इसके अलावा ऐसे अधिकारी भी नियुक्त न हो सके, जिनके विपक्ष के नेताओं के साथ संबंध जगजाहीर है.

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