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महाविकास आघाडी में शुरू हुई ‘बडा भाई’ बनने की जंग

सबसे ज्यादा सीटों पर विधानसभा चुनाव लडेगा शरद गुटः जयंत

मुंबई/दि.15- लोकसभा चुनाव में मिली सफलता के बाद महाविकास आघाडी में अब विधानसभा चुनाव से पहले बडा भाई बनने की होड शुरू हो गयी है. विधानसभा चुनाव की सीट बंटवारे को लेकर आघाडी के दल अलग-अलग दावे कर रहे है. कांग्रेस और शिवसेना (उध्दव) व्दारा राज्य की सभी सीटों पर चुनावी तैयारी के बीच अब राकांपा (शरद) के प्रदेशाध्यक्ष जयंत पाटील ने ऐलान किया है कि उनकी पार्टी विधानसभा में महाआघाडी के दलों में सबसे ज्यादा सीटों पर चुनाव लडेगी. जयंत पाटील ने शुक्रवार को कहा कि विधानसभा चुनाव में हमारी पार्टी सबसे अधिक सीटों पर चुनाव लडने की तैयारी कर रही है. हालांकि पाटील ने कहा कि सीटों का की संख्या अभी नहीं बता सकते. क्योंकि इससे आघाडी के दोनों दल नाराज हो सकते है. पाटील के बयान से महाआघाडी में सीट बंटवारे पर संग्राम तय दिख रहा है.
तीन दिन पहले शिवसेना(उध्दव) पक्ष प्रमुख उध्दव ठाकरे ने पार्टी के विधानसभा क्षेत्र संपर्क प्रमुखों को राज्य की सभी 288 सीटों पर चुनावी तैयारी में जुट जाने को कहा था. ठाकरे ने सभी सीटों पर उम्मीदवारों की खोजबीन करने के निर्देश भी दिए थे. उध्दव के बाद प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने भी राज्य की सभी सीटों पर चुनावी तैयारी करने की बात कही थी.
लोकसभा चुनाव के बाद बदल गयी है तस्वीर
लोकसभा चुनाव के परिणामों के बाद महाविकास आघाडी में दलों की स्थिती बदल गयी है. चुनाव से पहले उध्दव शिवसेना बडे भाई की भूमिका में थी. पर लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस सबसे बडी पार्टी बन चुकी है. 17 लोकसभा सीटों पर चुनाव लडकर कांग्रेस ने 13 सीट जीती है. जबकि सांगली के निर्दलीय सांसद विशाल पाटील भी कांग्रेस के साथ है. आघाडी में सबसे ज्यादा 21 सीटों पर चुनाव लडने वाली शिवसेना (उध्दव) केवल 9 सीट ही जीत पाई है. हालांकि स्ट्राइक रेट के मामले में राकांपा (शरद) सबसे आगे रही है. 10 सीटों पर चुनाव लड कर पवार की पार्टी ने 8 सीट पर जीत दर्ज की. उसके उम्मीदवारों ने सुजय विखेपाटील व पंकजा मुंडे जैसे दिग्गजों को हराया.


प्याज किसानों के असंतोष के कारण लोकसभा चुनाव में कम सीटें मिलीः अजित पवार
पुणेः महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने शुक्रवार को स्वीकार किया कि हाल में हुए लोकसभा चुनाव में महायुती के खराब प्रदर्शन की वजह प्याज उत्पादक किसानों का असंतोष रहा. शिवसेना-भाजपा-राकांपा के गठबंधन को नाशिक समेत राज्य के प्याज उत्पादन क्षेत्र में किसानों के असंतोष की किमत चुकानी पडी. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी तीन दिन पहले माना था कि किसानों की नाराजगी महायुति गठबंधन के खराब प्रदर्शन का कारण रही है. शिंदे ने कहा था कि नाशिक में हमे प्याज ने रुलाया. मराठवाडा और विदर्भ में सोयाबीन और कपास ने रुलाया. अजित ने पुणे में मीडिया से बातचीत में कहा कि महायुती को जलगांव और रावेर को छोडकर प्याज उत्पादक पट्टी के सभी लोकसभा क्षेत्रों में हार का सामना करना पडा. शिवसेना और उसकी सहयोगी भाजपा क्रमशः नाशिक और दिंडोरी लोकसभा सीट पर हार गए. गठबंधन को मराठवाडा में केवल एक सीट और विदर्भ में केवल दो सीट पर जीत मिली.

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