महाराष्ट्र

एक ही घर में मिले पांच लोगों के शव

9 माह के बच्चे ने भूख से तडपकर तोडा दम

  • ढाई वर्ष की बच्ची सौभाग्य से जिंदा बची

बंगलुरू/दि.18 – कुछ वर्ष पूर्व दिल्ली के बुराडी नामक रिहायशी इलाके में स्थित एक ही घर से 11 लोगों के शव फांसी के फंदों पर लटकते मिले थे. लगभग वैसी ही एक सनसनीखेज घटना बंगलुरू में उजागर हुई है. जहां पर एक ही परिवार के पांच लोगों के सडे-गले शव फांसी के फंदों पर लटके हुए पाये गये. वहीं 9 माह की आयुवाला बच्चा भूख से व्याकूल होकर तडप-तडपकर मर गया. सबसे आश्चर्यवाली बात यह रही कि, इस भयानक माहौल के बीच ढाई वर्ष की आयुवाली बच्ची जिंदा बच गई है.
जानकारी के मुताबिक इस परिवार के मुखिया हालेगेरे शंकर अपने किसी काम के चलते पिछले कुछ दिनों से बाहर थे और विगत चार दिनों से वे लगातार अपने परिजनों को फोन कर रहे थे. किंतु कोई भी उनका फोन नहीं उठा रहा था. ऐसे में वे अपने घर लौटे. जिसके बाद यह सनसनीखेज मामला उजागर हुआ. पुलिस को संदेह है कि, इन पांचों लोगों की मौत चार दिन पहले ही हो चुकी थी और पांचवे दिन जब रात के समय इन शवों को घर से बाहर निकाला गया तब यहां भयानक दुर्गंध फैल गई. जिसके चलते सभी शवों को सील करते हुए पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया. पुलिस द्वारा शंकर की पत्नी भारती (51), बेटी सिंचना (34) व सिंदुराणी (31) तथा बेटे मधुसागर (25) के शव फांसी के फंदे पर लटके बरामद किये गये. वहीं 9 माह की आयुवाले बच्चे का शव बेड पर औंधेमुंह पडा हुआ था. जिसे लेकर अनुमान व्यक्त किया गया है कि, संभवत: भूख से व्याकुल होने के चलते उसकी मौत हुई. इसके अलावा इस घर से सिंचना की ढाई वर्षीय बेटी भी बरामद हुई, जो लगातार चार-पांच दिनों से भूखे रहने की वजह से बेहोश पडी थी. जिसे तुरंत ही अस्पताल में भरती कराते हुए उसका इलाज शुरू किया गया.
पता चला है कि, अपने पति के साथ हुए विवाद के चलते सिंचना अपने मायके में आ गई थी. वहीं छोटी बेटी सिंधुराणी प्रसूति के लिए अपने मायके आयी हुई थी. इसके अलावा शंकर का बेटा मधुसागर इंजिनिअर था, जो एक कंपनी में काम करता था. ऐसे में पुलिस द्वारा शंकर से पूछताछ करने के साथ ही मामले की जांच की जा रही है.

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