महाराष्ट्र

वरिष्ठों की कृपा से बची है घूसखोरों की कुर्सी

राज्य में 223 रिश्वतखोर अभी भी काम पर तैनात

  • निलंबन का अब तक नहीं निकला मुहूर्त

मुंबई/दि.३०– इस समय समूचे राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ जनजागृति सप्ताह चलाया जा रहा है. साथ ही सरकार द्वारा समय-समय पर कहा जाता है कि, भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों को कदापि बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. किंतु हकीकत यह है कि, घुसखोरी की कार्रवाई में फंसे लोगों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई करने के लिए सरकार को अब मुहूर्त प्राप्त नहीं हुआ है और भ्रष्टाचार प्रतिबंधक विभाग के आंकडों से पता चलता है कि, समूचे राज्य में ऐसे 223 भ्रष्ट अधिकारी व कर्मचारी अब भी सरकारी सेवा में बने हुए है और वरिष्ठाधिकारियों के आशिर्वाद से उनकी कुर्सी पर कोई खतरा नहीं है.
उल्लेखनीय है कि, लॉकडाउन काल के दौरान जब आम जनजीवन के साथ ही सरकारी कामकाज पूरी तरह से ठप्प था, तब भ्रष्टाचार के मामलों में भी उल्लेखनीय कमी आयी थी, लेकिन लॉकडाउन के खत्म होते ही और अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होते ही भ्रष्टाचार के मामले एक बार फिर पहले की तरह सामने आने शुरू हो गये. 1 जनवरी से 27 अक्तूबर तक राज्य में घुसखोरी के 547 शिकायतें दर्ज हुई. जिसमें से 513 मामलों में बेहद सफलतापूर्वक ट्रैप लगाने की कार्रवाई की गई. गत वर्ष की तुलना में इस बार 201 ट्रैप कम हुए. वहीं इस बार कुल 703 रिश्वतखोर अधिकारी व कर्मचारी एसीबी के जाल में फंसे. जिसमें पुणे परिक्षेत्र में सर्वाधिक घुसखोर पकडे गये, लेकिन इसमें से केवल 10 मामलों में ही दोषारोपपत्र दाखिल किया गया. वहीं दूसरी ओर वर्ष 2013 से अब तक भ्रष्टाचार विरोधी कार्रवाई होने के बाद भी 223 घुसखोर लोगों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई नहीं की गई है. ऐसे में यह अपने आप में एक बडा सवाल है कि, आखिर किन लोगोें की कृपा व आशिर्वाद के दम पर ये सभी घुसखोर अब तक कार्रवाई से बचे हुए है. इन 223 लोगों में नांदेड परिक्षेत्र के सर्वाधिक 55 व नागपुर परिक्षेत्र के 51 अधिकारी व कर्मचारियों का समावेश है. इसमें राजस्व, पंजीयन व भुमि अभिलेख के 30, ग्राम विकास के 48, शिक्षा व क्रीडा के 46, सहकार, पणन व वस्त्रोद्योग के 15, पुलिस, होमगार्ड व कारागार प्रशासन के 10 लोगों का समावेश है.

  • जनजागृति सप्ताह

बता दें कि राज्य में प्रतिवर्ष 27 अक्तूबर से 2 नवंबर तक भ्रष्टाचार के खिलाफ सतर्कता व जनजागृति सप्ताह चलाया जाता है. इस दौरान लोगों को भ्रष्टाचार के खिलाफ जागरूक करते हुए भ्रष्टाचार की घटनाओं को उजागर करने हेतु एसीबी से संपर्क करने का आवाहन किया जाता है. इन दिनों लोगबाग बडे पैमाने पर भ्रष्टाचार के खिलाफ जागरूक हो रहे और अपनी शिकायतें लेकर एसीबी के पास पहुंचते है. एसीबी द्वारा भी ऐसे मामलों की पडताल करते हुए रिश्वतखोर अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें रंगेहाथ गिरफ्तार करती है. लेकिन इसके बाद जहां एक ओर ऐसे मामले लंबे समय तक अदालत के समक्ष विचाराधीन रहते है, वहीं अधिकांश मामलों में भ्रष्टाचारियों को कोई खास सजा नहीं हो पाती और इस तरह की कार्रवाई के बाद संबंधित विभागों द्वारा भी अपने भ्रष्ट अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाये जाते. जिसके चलते भ्रष्टाचार की जडे खत्म नहीं हो रही.

  • परिक्षेत्र अनुसार कार्रवाई

परिक्षेत्र कुल मामले
नांदेड 62
ठाणे 38
औरंगाबाद 69
पुणे 120
नाशिक 84
नागपुर 75
अमरावती 81
मुंबई 18

  • वर्गनिहाय अधिकारी

श्रेणी अधिकारी/कर्मचारी
प्रथम 27
द्वितीय 28
तृतीय 99
चतुर्थ 07
अन्य लोकसेवक 62
कुल 223

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