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नासिक में ‘द बर्निंग बस’

चिंतामणी ट्रैवल्स की लक्जरी बस बनी आग का गोला

* 13 यात्रियों की जिंदा जलकर मौत, मृतकों में एक बच्चे व 12 वयस्कों का समावेश
* 36 यात्री बुरी तरह झुलसकर घायल, 25 की हालत गंभीर
* यवतमाल से 49 यात्रियों को लेकर हुई थी रवाना
* ट्रक के साथ हुई टक्कर के बाद बस के इंजिन में हुआ विस्फोट
* देखते ही देखते आग की लपटों में घिर गई बस
* पीएम मोदी व सीएम शिंदे ने जताया हादसे पर शोक
* मृतकों के परिजनों व घायलोें के लिए सहायता राशि का हुआ ऐलान
* मामले की जांच के आदेश जारी
नासिक/दि.8- कुंभ नगरी नासिक में औरंगाबाद रोड पर नांदुर नाके के निकट होटल मिर्ची चौक में आज सुबह करीब 4.45 बजे के आसपास एक निजी लक्जरी बस और ट्रक के बीच भीषण टक्कर हुई. इस हादसे के बाद बस के इंजीन में ब्लास्ट हुआ. जिसकी वजह से बस ने देखते ही देखते आग पकड ली और धू-धू कर जलते हुए पूरी बस आग का गोला बन गई. चूंकि उस समय बस में सवार अधिकांश यात्री गहरी नींद के आगोश में थे. ऐसे में उन्हें संभलने का मौका तक नहीं मिला और अचानक हुए हादसे की वजह से नींद से जागे यात्रियों में हडकंप व्याप्त हो गया और बस में अफरातफरी मच गई. घटनास्थल पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक जान बचाने के लिए कई यात्रियों ने बस की खिडकी से कूदना शुरू किया. वहीं कुछ लोग जान बचाने की गुहार लगाते हुए खिडकियों का शीशा तोडने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन इसमें कामयाबी नहीं मिली. जिसकी वजह से 13 यात्रियों की जिंदा जलकर मौत हो गई. वहीं कुछ लोग बस की आपातकालीन खिडकी और दरवाजे से जलती हुई अवस्था में बाहर आये. पता चला है कि, मृतकों में एक बच्चे और 12 वयस्कों का समावेश है. वही इस हादसे में 36 लोग झुलसकर घायल हुए है. जिसमें से 25 लोगों की स्थिति गंभीर बतायी जा रही है.
जानकारी के मुताबिक चिंतामणी ट्रैवल्स की यह लक्जरी स्लीपर कोच बस यवतमाल से मुंबई जाने के लिए रवाना हुई थी. इस बस में यवतमाल से 30 यात्री सवार हुए थे. वही 19 लोग अन्य स्थानों से बस में चढे. यह बस जब तडके 4.45 बजे नासिक शहर के नांदुर नाका परिसर में पहुंची, तो धुलिया से पुणे की तरफ जा रहे ट्रक ने इस बस को जोरदार टक्कर मारी. यह हादसा इतना भीषण था कि, दोनों वाहनों की टक्कर होने के साथ ही लक्जरी बस के इंजिन में जोरदार विस्फोट हुआ और देखते ही देखते पूरी बस धू-धू कर जलने लगी. इस समय औरंगाबाद रोड पर मॉर्निंग वॉक करने निकले कई लोगों ने अपनी आंखों के सामने यह हादसा घटित होते देखा और इसकी सूचना तुरंत ही नासिक शहर पुलिस और दमकल विभाग को दी गई. वहीं दूसरी ओर आग की लपटोें में घिरी बस में सवार यात्री अपनी जान बचाने के लिए बस से नीचे कूदने लगे और कई यात्री आग की लपटों में घिरे हुए बस से बाहर निकले. इसके अलावा कई लोग बस के भीतर ही फंसे रह गये और वे खिडकियों के कांच फोडने का प्रयास करने लगे. परंतु चारों ओर से पूरी तरह पैक रहनेवाली खिडकियों को तोडने में सफलता नहीं मिली. ऐसे में कई लोग बस के भीतर ही फंसे रहकर जिंदा जलकर मारे गये. जिनमें एक छोटे बच्चे व 12 वयस्कों का समावेश था. वहीं इस हादसे में 10 महिलाओं, 2 पुरूषों व 8 बच्चों सहित 38 यात्री बुरी तरह से घायल हुए.
इस भीषण सडक हादसे की सूचना मिलते ही नासिक के जिला पालकमंत्री दादा भुसे सहित जिलाधीश गंगथरन डी., मनपा आयुक्त डॉ. चंद्रकांत पुलकुंडवार व पुलिस आयुक्त जयंत नायकनवारे तुरंत ही मौके पर पहुंचे. वहीं तब तक नासिक महानगरपालिका का दमकल दस्ता भी मौके पर पहुंच चुका था और बस में लगी आग को बुझाते हुए बुरी तरह झुलसे लोगों को तुरंत सरकारी व निजी अस्पतालों में इलाज के लिए भरती कराना शुरू किया गया है.
उधर इस हादसे की सूचना मिलते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पर शोक व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री राहत कोष से मृतकों के परिजनों हेतु दो-दो लाख रूपये तथा घायलों को 50-50 हजार रूपये की मदद देने का ऐलान किया. साथ ही राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मृतकों के परिजनों हेतु पांच-पांच लाख रूपये की सहायता राशि देने का ऐलान करने के साथ ही इस भीषण दुर्घटना की जांच करने का आदेश भी जारी किया. सीएम एकनाथ शिंदे बताया कि, उन्होंने नासिक के स्थानीय प्रशासन से इस हादसे के बारे में जानकारी प्राप्त की है और उन्हें पता चला है कि, हादसे की सूचना मिलने के बाद अगले पांच मिनट के भीतर नासिक का दमकल दस्ता घटनास्थल पर पहुंच गया था और राहत व बचाव कार्य शुरू कर दिया गया था.

* दो माताओं ने दिखाई बहादुरी
– जलती बस की खिडकी से बच्चे के साथ बाहर लगायी छलांग
दुर्घटना का शिकार हुई बस में वाशिम जिला निवासी पूजा मनोज गायकवाड अपने दो बेटों आर्यन (8 वर्ष) व मयंक (2 वर्ष) तथा ममेरे भाई गणेश लांडगे के साथ मुंबई जाने हेतु निकली थी. ड्राईवर साईड में तीसरे नंबर की बर्थ पर वे आज सुबह अपने दोनों बच्चों के साथ गहरी नींद में सो रही थी, तभी एक जोरदार झटके और तेज आवाज की वजह से उनकी नींद खुली. जब तक कुछ समझ में आता, तब तक बस में चारों ओर आग की लपटे दिखाई देने लगी और पूरी बस शोर-शराबे से भर गई. इस समय उन्होंने बडी हिम्मत के साथ बस की खिडकी का कांच तोडा. जिसमें से सबसे पहले उन्होंने अपने ममेरे भाई गणेश को बाहर निकाला और फिर अपने दोनों बच्चों को खिडकी से बाहर निकालकर उसके हवाले किया. पश्चात खुद भी उसी खिडकी से बाहर निकली. इस समय कुछ स्थानीय लोग बस में सवार यात्रियों की सहायता के लिए बडी तत्परता के साथ आगे आये. बस से बाहर निकलने के बाद पूजा और गणेश ने अपनी आंखों के सामने बस को जलकर खाक होते देखा. पूजा का कहना है कि, किस्मत अच्छी थी, तभी उन चारों की जान बच गई. लेकिन कुछ घंटे अपने साथ रहनेवाली कुछ सहयात्रियों की जलकर मौत हो गई. इसी तरह इस बस में वाशिम जिले की लोणी निवासी अनिता चौधरी नामक महिला अपनी बेटी के साथ सवार थी और बस के हादसे का शिकार होने के बाद लगी आग में से उन्होंने खुद को व अपनी बेटी को जैसे-तैसे सुरक्षित बाहर निकालकर अपनी जान बचाई. बस से बाहर निकलने के बाद उन्होंने अपनी आंखों के सामने जो नजारा देखा, उसे देखकर वे बुरी तरह सिहर उठी.

* इन घायलों पर चल रहा इलाज
भीषण सडक हादसे का शिकार हुई इस बस में सवार अधिकांश यात्री बुरी तरह से झुलसकर घायल हुए है. जिनमें भगवान श्रीपत मनोर, सतीश राठोड, गजकुमार शहाणे, त्रिशला गजकुमार शहाणे, अजय देवगन, अश्विनी जाधव, सचिन जाधव, राजीव रंगनाथ जाधव, निलेश राठोड, अमिता चौगुले (बालक), पायल शिंदे (बालक), चेतन शिंदे (बालक), किरण चौगुले (बालक), हंसराज बागुल, जयंतुभाई पठान, रेहाना पठान, राहत शेर पठान, फरिन खान पठान, मालु अनिल चव्हाण, अनिल चव्हाण, भगवंत भिसे, प्रज्ञा जाधव, ज्ञानदेव राठोड, सूर्या राठोड (बालक), निकिता राठोड, स्वरा राठोड (बालक), साहेबराव जाधव, दिपक शिंदे, राजू शेख इस्माईल, अंबादास वाघमारे, अमित कुमार, पिराजी धाडे, राजू रंगराव जाधव, पूजा मनोज गायकवाड, आर्यन गायकवाड (8), मयंक गायकवाड (2), गणेश लांडगे घायल हुए है. जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भरती कराया गया है. इसमें से 25 लोगों की स्थिति गंभीर बताई जा रही है.

* ऐसे घटित हुआ हादसा
यवतमाल से मुंबई की ओर जा रही बस को धुलिया से पुणे की ओर जा रहे ट्रक द्वारा टक्कर मार दिये जाने की वजह से यह हादसा घटित हुआ. इस टक्कर के बाद बस 50 से 60 फीट आगे घसरती चली गई. वहीं टैंकर लेकर जा रहा ट्रक भी 70 से 80 मीटर आगे जाकर रूक गया. इस समय तक बस में जोरदार विस्फोट के साथ आग लग चुकी थी. जिसकी सूचना मिलते ही दमकल दस्ता मौके पर पहुंच चुका था और बस में लगी आग को बुझाने का काम शुरू किया गया. लेकिन इस समय तक 12 यात्रियोें की जलकर मौत हो चुकी थी. जिसमें से 10 के शव पहले बरामद हुए. वहीं 2 यात्रियों के शव बाद में बस की सीट के नीचे से बरामद हुए. इन 12 मृतकों में से 1 मृतक की केवल खोपडी बरामद हुई है. जिसे देखते हुए अंदाजा लगाया गया कि, यह किसी छोटे बच्चे की खोपडी हो सकती है. इस हादसे के बाद पूरा परिसर चीख-पुकार और चित्कार से भर गया. साथ ही हादसे के बाद कई लोग आग की लपटों में घिरे हुए बस से बाहर निकलते व कूदते देखे गये.

* शायद शॉर्टसर्किट होने से लगी आग
– चिंतामणी कंपनी ने जारी किया स्पष्टीकरण
वही चिंतामणी ट्रैवल्स के संचालक गुड्डू जयस्वाल ने इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि, आज सुबह उन्हें बस के कंडक्टर ने फोन करते हुए बस के साथ हादसा होने की जानकारी दी थी. हादसे के बाद वह बस के पीछले हिस्से में एक पैसेंजर को अगले स्टॉप पर उतरने हेतु नींद से जगाने गया था. उसी समय यह हादसा घटित हुआ. जयस्वाल के मुताबिक हादसे के बाद बस की वायरिंग में शॉर्टसर्किट होने की वजह से शायद बस में आग लगी हो. हालांकि उन्होंने यह दावा भी किया कि, हर बार यात्रा पर रवाना होने से पहले बस की फीटनेस व मेंटेनन्स को नियमित रूप से देखा जाता है. वहीं दूसरी ओर यह आरोप भी लगाया जा रहा है कि, इस बस में क्षमता से अधिक यात्री बिठाये गये थे. ऐसे में यवतमाल के जिला पालकमंत्री संजय राठोड ने मामले में जांच के आदेश जारी किये है. इस घटना की जानकारी मिलते ही यवतमाल शहर व जिले सहित वाशिम में चिंता व शोक की लहर व्याप्त हो गई है, क्योंकि बस में सवार अधिकांश यात्री इन्हीं परिसरों के निवासी है. अपने कामकाज के सिलसिले में मुंबई व नासिक के लिए रवाना हुए थे.

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