शहर में रसीले फलों की भरमार
नारंगी, आलूबुखारा,गिले खजुर, लिजी, जामुन लुभा रहे नागरिकों को
अमरावती/दि.05– बरसात का मौसम आते ही शहर के बाजार में विभिन्न तरह के रसीले फलों की बहार आ जाती है. यह रंग-बिरंगे फल नागरिकों को अपनी सौंधी खुशबु व स्वाद के चलते अपनी ओर खिंचते है. इन दिनों बाजार में फलों को देखकर नागरिकों की भीड फल की दुकानों पर इकठ्ठा हो रही है. सभी अपने सुविधानुसार व पसंदीदा फलों को लेने पहुंच रहे है.
बारिश के चलते फल विक्रेताओं में उत्साह दिखाई पड रहा है. क्योंकि इन दिनों रसीले फलों की आमद शहर में हो रही है. जहां हमेशा मिलने वाले पपीता, केला, चिकु आदि जैसे फल बाजार में उपलब्ध तो हो ही रहे है. साथ ही मौसमी फलों की भरमार भी अब बाजार में दिख रही है. जिसमें जामुन, आम, अनासपती, कच्चे खजुर, आलु बुखारा, चेरी, लिची, काले अंगुर, नारंगी भी अपनी खुशबु और विभिन्न रंगो सहित स्वाद से नागरिकों को ललचा रहे है. बाजार में जहां दक्षिण से आने वाले सेब को देखकर नागरिक आकर्षित हो रहे है. वही उडीसा के जामुन भी लोगों के जीभ पर अपने स्वाद की छाप छोड रहे है. शिमला से आने वाले काले अंगुर और कश्मीर की लिजी भी लोगों को काफी पसंद आ रही है.
गीले खजुर के लिए उमड रही भीड
बारिश के आते ही शहर में गीले कच्चे खजुर भी पहुंच जाते है. जिनका स्वाद कुछ अलग ही हट कर होता है. इन गीले खजुर के लिए कई लोग साल भर इंतजार करते है. इन गीले कच्चे खजुर में दो रंग के खजुर आते है जिसमें से एक लाल व दुसरा पीले रंग के खजुर आते है. जिसमें पीले रंग का खजुर काफी स्वादिष्ट होता है.
शिमला की बजाय दक्षिण के सेब किए जा रहे पसंद
इतवारा बाजार स्थित फल विक्रेता सईद बागवान ने दैनिक अमरावती मंडल को दी जानकारी में बताया कि इन दिनों शहर में दक्षिण की ओर से सेब की आमद हो रही है. पहले यह कश्मीर से आते थे. किंतु अब उधर से आने वाले फलों की आवक कम हो चुकी है. जिसके कारण दक्षिण क्षेत्र से सेब की आवक बढ चुकी है. बागवान ने बताया कि हर वर्ष फलों की आमद के साथ ही बाजारों में भी रौनक बढ जाती है. किंतु अभी स्कूलें खुलने की वजह से लोग-बाग स्कूली वस्तुओं की खरीदी में व्यस्त रहने से फल बाजार में कम ही आ रहे है. जिसके कारण फल का व्यापार थोडा धीमा चल रहा है.
बैगन फल्ली आम हुए गायब
बारिश के पूर्व शहर में बैगन फल्ली आम की आवक अधिक थी. बैगन फल्ली आम को चाहने वाले व आम रस के दिवाने बैगन फल्ली आम के व्दारा घरों में आमरस से अपने जीभ की प्यास बुझाते थे. किंतु बारिश शुरु होते ही बैगन फल्ली आम बाजार से नदारद हो चुके है. जिसके कारण आमरस के चाहने वाले नागरिक आम के रस से वंचित हो चुके है. जबकि बाजार में दशहरी, लंगडा, गावरानी आम आसानी से उपलब्ध हो रहा है.
कुछ इस तरह है फलों के दाम
फल किमत रुपयो में
सेब 200 किग्रा.
अनार 160 किग्रा.
किवी 80 रुपये नग
ड्रायगन 60 रुपये नग
चेरी 100 रुपये 250 ग्रा.
अनासपती 120 किग्रा.
चिकु 100 किग्रा.
सभी तरह के आम 80 किग्रा.
गिले खजुर 180 किग्रा.
आलुबुखारा 120 किग्रा.
पपीता 40 किग्रा.
जामुन 160 किग्रा.
नारंगी 140 किग्रा.
मोसंबी 100 किग्रा.
केला 40-50 रुपये दर्जन
लिची 200 किग्रा.
काले अंगुर 200 किग्रा.