देश मर्जी से नहीं, बल्कि अधिकारों से चलता है
सीएम उध्दव ठाकरे ने साधा केंद्र सरकार पर निशाना
औरंगाबाद/दि.23 – इस समय देश अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है और इसी समय आजादी पर अमृत मंथन करने की जरूरत है. जिसके तहत केंद्र सरकार व राज्य सरकार के अधिकारों की समीक्षा की जानी चाहिए. जिसमें यह देखा जाना चाहिए कि, यदि केंद्र की तरह राज्य भी सार्वभौम है, तो क्या उन अधिकारों का प्रयोग हो रहा है. यदि कोई व्यक्ति किसी पद पर बैठ जाता है, तो केवल उस व्यक्ति की मर्जी भी नहीं चल सकती, क्योंकि संवैधानिक पदों के अपने अधिकार होते है और इन्हीं अधिकारों के जरिये देश का कामकाज चलता है. जिसे किसी के मर्जी के हवाले नहीं किया जा सकता. इस आशय के शब्दों में सीएम उध्दव ठाकरे ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है.
मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ की विस्तारित इमारत का शनिवार को सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायमूर्ति एन. वी. रमन्ना के हाथों उद्घाटन किया गया. इस कार्यक्रम में प्रमुख अतिथि के तौर पर उपस्थित मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे ने न्यायदान की प्रक्रिया व सार्वभौम अधिकारों पर अपने विचार रखते हुए उपरोक्त प्रतिपादन किया. साथ ही उन्होंने कहा कि, न्यायदान की प्रक्रिया में होनेवाले विलंब की वजह से किसी भी आम व्यक्ति की पूरी जिंदगी कोर्ट का चक्कर काटने में खर्च हो जाती है और उसकी आर्थिक स्थिति भी डावांडौल हो जाती है. ऐसे में न्यायदान की प्रक्रिया को गतिमान किये जाने की सख्त जरूरत है. इस समय उन्होंने एक आरोपी के वर्ष 1958 से फरार रहने को लेकर अभी हाल-फिलहाल सामने आयी जानकारी का उल्लेख करते हुए उपहासात्मक अंदाज में कहा कि, हमारे राज्य में एक शिकायतकर्ता ही लापता है. जिसने शिकायत की, आरोप लगाया है और कहीं भाग गया. साथ ही उन्होंने इस आयोजन के दौरान यह भी बताया कि, राज्य सरकार द्वारा राज्य में पुलिस थानों की संख्या बढायी जा रही है और थाना परिसर में ही पुलिस कर्मियों के निवास की व्यवस्था की जा रही है. इसके अलावा प्रत्येक हवालदार को सेवानिवृत्ति से पहले पुलिस उपनिरीक्षक पद पर पदोन्नति देने का निर्णय लिया गया है. ताकि राज्य में कानून व व्यवस्था की स्थिति को मजबूत किया जा सके. इस समय केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजीजू ने कहा कि, राजनीति में खिलाडी वृत्ति से किया गया काम प्रभावी होता है. औरंगाबाद खंडपीठ की इस इमारत का भूमिपूजन तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने किया था और आज मुख्यमंत्री के तौर पर उध्दव ठाकरे इस इमारत का उद्घाटन कर रहे है. जिस पर सीएम उध्दव ठाकरे ने अपने भाषण में कहा कि, यद्यपि वे इस इमारत के भुमिपूजन अवसर पर उपस्थित नहीं थे. किंतु आज यहां झंडा लगाने आये है. साथ ही इस अप्रतीम न्यायमंदिर का उद्घाटन करने के लिए सौभाग्य मानते है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, मुंबई उच्च न्यायालय के लिए एक नई इमारत बनाने का प्रस्ताव है और वे अपने कार्यकाल में उस इमारत का भुमिपूजन व उद्घाटन करना चाहते है.