मराठा आरक्षण मामला संवैधानिक पीठ को भेजने पर फैसला सुरक्षित
नई दिल्ली/दि.४ – मराठा आरक्षण मामले को संवैधानिक पीठ को भेजने पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई. मामले के सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद शीर्ष अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है. इस दौरान मामले में मुख्य हस्तक्षेपकर्ता (इंटर्वेनर) राजेंद्र दाते पाटील की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने दलील रखी कि, तमिलनाडू, मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ तथा नगालैंड ५० प्रतिशत आरक्षण की सीमा पर की है. इसलिए प्रतिपक्ष की कैप की सीमा को पार नहीं करने की दलील सही नहीं है. इंद्रा साहनी मामले में ९ जजों की बेंच ने फैसला सुनाया था, इसलिए मराठा आरक्षण मामले को बडी बेंच को भेजा जाना चाहिए. वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने महाराष्ट्र सरकार का पक्ष रखते हुए शीर्ष अदालत से अनुरोध किया कि मराठा आरक्षण मामले को भी ईडब्ल्यूएस मामले के साथ बडी बेंच को भेजा जाए. वहीं प्रतिपक्ष ने अपनी दलील में आरक्षण पर नागराज सहित कई मामलों का हवाला देते हुए मामले को बडी बेंच को भेजे जाने की मांग का विरोध किया.