महाराष्ट्र

हैंड सैनीटाइजर को कीटाणुनाशक में शामिल करने का फैसला खारिज

उच्च न्यायालय का निर्णय

मुंबई/ दि.12– मुंबई उच्च न्यायालय ने केन्द्र सरकार की वर्ष 2020 की उस प्रेस विज्ञप्ति को सोमवार को खारिज कर दिया. जिसमें हैंड सैनीटाइजर को कीटाणुनाशक के रूप में वर्गीकृत किया गया था. उच्च न्यायालय ने कहा कि वर्गीकरण का मुद्दा न्यायिक और अर्धन्यायिक निर्णय प्राधिकरणों के अधिकार क्षेत्र में आता हैं.
हैंड सैनीटाइजर को कीटाणुनाशक के रूप में वर्गीकृत किए जाने से उस पर 18 फीसदी की जीएसटी दर लागू होने लगी. न्यायमूर्ति एम.एस. सोनक और न्यायमूर्ति जीतेन्द्र जैन की खंडपीठ ने कहा कि, वित्त मंत्रालय ने यह विज्ञप्ति जारी कर न्यायिक और अर्ध-न्यायिक निर्णय प्राधिकरण को एक तरह से आदेश दिया कि वह अलकोहल- आधारित सभी हैंड सेनीटाइजर को कीटाणुनाशक के रूप में वर्गीकृत करे. जिस पर 18 फीसदी की जीएसटी दर लागू होती है. जबकि कोई भी उत्पाद किसी विशेष वर्ग का श्रेणी के अंतर्गत आता है या नहीं यह तय करना है. केन्द्रीय वस्तुएं एवं सेवाकर अधिनियम के प्रावधानों के तहत बनाए गये न्यायिक और अर्ध- न्यायिक निर्णय प्राधिकरणों के अधिकार क्षेत्र में आता है. प्राधिकरणों को इन शक्तियों का इस्तेमाल स्वतंत्र रूप से और कार्यपालिका सहित किसी भी पक्ष के हस्तक्षेप के बिना करना चाहिए. उच्च न्यायालय हैंड सैनीटाईजर का उत्पादन करनेवाली शुल्के इंडिया प्रायवेट लिमिटेड की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी. जिसमें केन्द्र की प्रेस विज्ञप्ति और उसके तहत जारी भुगतान नोटिस को चुनौती दी गई थी.

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