राज्य में हिन्दी भाषा को अनिवार्य करने का फैसला वापस
शिक्षा मंत्री दादा भुसे ने दी जानकारी

मुंबई/दि. 23– राज्य के सभी स्कूलों में कक्षा 1 से लेकर पांच तक हिंदी को अनिवार्य भाषा के रूप में लागू करने के फैसले पर हुए बवाल के बाद आखिरकार सरकार ने इसे वापस ले लिया है. स्कूलों में अब हिन्दी भाषा अनिवार्य नहीं होगी. स्कूली शिक्षा मंत्री दादा भुसे ने मंगलवार को मंत्रालय में एक प्रेस वार्ता में जानकारी दी.
शिक्षा मंत्री दादा भुसे ने कहा कि सरकार ने जो फैसला लिया था. उसमें हिन्दी भाषा के इस्तेमाल के लिए ‘अनिवार्य ’ शब्द का प्रयोग किया गया था. ऐसे में सरकार इस शब्द को वापस ले रही है. इसका मतलब अब स्कूलों में कक्षा 1 से 5 तक हिन्दी भाषा अनिवार्य नहीं होगी. दादा भूसे ने आगे कहा कि 16 अप्रैल को जारी सरकारी आदेश के मुताबिक मराठी भाषा को प्राथमिकता दी जाती रहेगी.े अंग्रेजी दूसरी भाषा होगी. जबकि तीसरे विषय के रूप में हिन्दी को अनिवार्य विषय नहीं बनाया गया है. उन्होंने कहा कि अगर कोई हिन्दी भाषा या अन्य भाष सीखने का फैसला लेता है तो उसे शिक्षक बदलना होगा. फिलहाल हम हिन्दी को वैकल्पिक विषय के रूप में रखेंगे. हिन्दी में रूचि रखनेवाले विद्यार्थियों को मराठी और अंग्रेजी के साथ हिन्दी भी पढाई जायेगी. उन्होंने कहा कि इस संबंध में जल्द सरकार फैसला लेगी.