मुंबई/दि.4- राकांपा में हुई दो फाड के बाद सही दल कौनसा यह निश्चित करने के लिए विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को शिवसेना प्रकरण के दावे के मुताबिक चुनाव आयोग के निर्णय की प्रतीक्षा करनी पडेगी.
शिवसेना का विवाद निपटाते समय सुभाष देसाई व्दारा दायर की गई याचिका पर सही राजनीतिक दल कौनसा यह ठहराने का अधिकार चुनाव आयोग का है, ऐसा सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था. इस कारण सही राकांपा दल शरद पवार का या अजीत पवार का, यह निर्णय चुनाव आयोग को लेना पडेेगा. वर्तमान में राकांपा के दोनों गुटों ने अपने-अपने प्रदेशाध्यक्ष निश्चित किए हैं. पार्टी अध्यक्ष शरद पवार व्दारा नियुक्त प्रदेशाध्यक्ष को हटाने का अधिकार किसी को नहीं है. बागी गुट भी शरद पवार को ही अध्यक्ष मानता रहने से विवाद कहां है? ऐसा सवाल इस पार्टी गुट के प्रतोद जीतेंद्र आव्हाड ने उपस्थित किया है. फिर भी पार्टी की घटना में कार्याध्यक्ष पद पर नियुक्त नेता विधिमंडल पार्टी का प्रमुख नियुक्त कर सकता है. अजीत पवार के गुट के एक नेता ने यह जानकारी दी. वैसा रहा तो नवनियुक्त प्रदेशाध्यक्ष सुनील तटकरे भी विधिमंडल पक्ष नेता नियुक्त कर सकता है, ऐसा भी कहा जा रहा है. लेकिन ‘सही दल कौनसा’ यह चुनाव आयोग को ठहराना पडेगा. विपक्ष नेता नियुक्त करने का अधिकार किसका यह निश्चित करने के लिए पार्टी का प्रतोद कौन यह ठहराना पडेगा.