स्वराज्य संस्था के चुनाव अगस्त तक आगे धकेले
७ माह से मध्यप्रदेश में डाटा इकट्ठा करने का काम शुरू ही
मुंबई /दि.५-मध्यप्रदेश की तर्ज पर कानून बनाकर स्वराज्य संस्था में ओबीसी आरक्षण टिकाने की प्रक्रिया पूरी करने के लिए न्यूनतम ६ महिने लगने के कारण अप्रैल-मई में होनेवाली मुंबईसहित राज्य की महापालिका, जिला परिषद व नगरपालिका के आगामी चुनाव अगस्त तक आगे ढकेले जाने की संभावना है.
मध्यप्रदेश सरकार ने ७ माह पूर्व की इम्पिरिकल डाटा तैयार करने की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है. वह उलझी हुई और व्यापक है. ओबीसी के राजनीतिक पिछडेपन को सिध्द करनेवाला राज्य पिछडेवर्गीय आयोग की रिपोर्ट सर्वोच्च न्यायालय ने रद्द करने से राज्य सरकार को विस्तृत इम्पिरिकल डाटा तैयार करने के अलावा कोई पर्याय नहीं है, ऐसा जानकारों का कहना है. मध्यप्रदेश ने पूर्व इस डाटा के लिए समर्पित स्वतंत्र आयोग स्थापित किया. सामाजिक संगठना से नागरिको तक की सूचना मंगवाई. प्रत्येक ग्राम पंचायत में
ओबीसी की संख्या कितनी, इसकी संख्या की पूर्ति की गई. शहर और गांव में जाकर हजारों कर्मचारियों का डाटा तैयार करने का काम हाथ में लिया. महाराष्ट्र में यह डाटा तैयार करने में कम से कम तीन चार महिने लगेंगे.उसके बाद वह सर्वोच्च न्यायालय को प्रस्तुत करना पडेगा व उसके आधार पर चुनाव करना पडेगा.यह प्रक्रिया पूरी होने में ६ महिने लगेगे, ऐसा अनुमान है. उसमें ही नये कानून का आवाहन दिया गया है तथा और समय बेकार जायेगा.
राज्य सरकार व्यवस्थित ऐसा इम्पिरिकल डाटा तैयार कर उस आधार पर ही ओबीसी आरक्षण सुनिश्चित करे. सर्वोच्च न्यायालय का भी वैसा ही आदेश है. सरकार यदि उपर उपर का डाटा तैयार करे तो फिर एक बार न्यायालय में जाने के अलावा कोई पर्याय नहीं है.
विकास गवली,मूल याचिकाकर्ता
ओबीसी का राजनीति पिछडापन सिध्द करने के लिए डाटा तैयार करने का काम सितंबर २०२१ में शुरू किया गया और एक महिने में हमारा डाटा निश्चित रूप से तैयार होगा. उसकी रिपोर्ट राज्य सरकार को प्रस्तुत की जायेगी.
डॉ. सूरज खोदरे, सचिव, राज्य
पिछडेवर्ग कल्याण आयोग, म.प्र.