महाराष्ट्र

महावितरण की बिजली खरीदी घोटाले की होगी जांच

ऊर्जा मंत्री राऊत की घोषणा; निवृत्त संचालकों का भ्रष्टाचार में समावेश

मुंबई./दि.25– महावितरण के निवृत्त संचालक (संचालन) दिनेश साबू ने 3,500 करोड़ रुपए का बिजली खरीदी घोटाला कर ग्राहकों को ठगने के आरोप की तीसरे अधिकारी द्वारा जांच की जाएगी, ऐसी घोषणा ऊर्जा मंत्री डॉ. नितीन राऊत ने गुरुवार को विधानसभा में की.
महावितरण के मुख्य जांच अधिकारी सुमित कुमार को निलंबित किए जाने के बाद तुरंत ही पूर्व संचालक (संचलन) पर के आरोपों की जांच करने की घोषणा से ऊर्जा विभाग में खलबली मच गई है. महानिर्मिति के अध्यक्ष व व्यवस्थापकीय संचालक संजय खंदो के मार्फत साबू पर लगे आरोपों की मुद्देनिहाय जांच की जायेगी, ऐसा राऊत ने सूचनाओं के उत्तर में बताया.जिसकी रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजने की बात भी राऊत ने स्पष्ट की.

साबू के घोटाले
* बिजली खरीदी में 3500 करोड़ रुपए का घोटाला.
* किसानों के बिजली बिल में घोटाला.
*टोरंटो पॉवर भूखंड घोटाला.
* बिल्डर के अनुचित लाभ के लिए नियमों में घोटाला.
* बिजली खरीदी
दिनेश साबू के खिलाफ अनेक शिकायतें प्राप्त होने बात डॉ. राऊत ने मंजूर की. साबू के खिलाफ एसीबी विभाग द्वारा की गई प्राथमिक जांच में तथ्य पाये गए हैं.

महावितरण के उपसंचालक सुमित कुमार निलंबित
महावितरण के कोकण प्रादेशिक कार्यालय के उपसंचालक तथा मुख्य जांच अधिकारी सुमित कुमार की कार्य पद्धति व बर्ताव बाबत अनेक शिकायतें प्राप्त होने से उन्हें निलंबित करने की घोषणा ऊर्जा मंत्री राऊत ने की. लक्षवेधी सूचना पर उत्तर में उन्होंने बताया कि सुमित कुमार पहले केंद्र सरकार में नौकरी पर थे. वे सरल सेवा से महावितरण में उपसंचालक पद पर भर्ती हुए.शिकायत के कारण उनकी वाशिम में बदली की गई थी. अब वे कोकण प्रादेशिक कार्यालय में कार्यरत हैं.

विधानसभा में कड़ी कार्रवाई करने की मांग
शिवसेना ज्ञानराज चोंगुले ने महावितरण के मुख्य जांच अधिकारी सुमित कुमार व दिनेश साबू पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों बाबत लक्षवेधी उपस्थित की थी. इस पर चर्चा में विधायक अमित झनक, बलवंत वानखडे, प्रकाश सुर्वे, अशोक उईके ने सहभाग लिया. साबू की जांच न होने पर तीव्र नाराजी व्यक्त की. साबू पर लगे आरोपों की जांच कर दोषी पाये जाने पर कड़ी कार्रवाई करेन की मांग इन सभी सदस्यों ने की.

* आर्थिक अपराध शाखा को प्रस्तुत करेंगे रिपोर्ट
खंदारे की रिपोर्ट आने के बाद वह शासन को भेजी जाएगी और आगामी कार्रवाई केलिए यह रिपोर्ट आर्थिक अपराध शाखा व विशेष शाखा को प्रस्तुत की जाएगी, ऐसा भी उन्होंने कहा.

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