महाराष्ट्र

आपसी सहमति से दिव्यांग बेटी की शादी मुस्लिम युवक से करा रहा था परिवार

कार्ड लीक होने के बाद उठा लव-जिहाद का मामला

 नासिक/दि. 13 – नासिक में लव-जिहाद का मामला उठने के बाद एक परिवार को अपनी बेटी का शादी का फंक्शन ही रद्द करना पड़ा. दरअसल दो अलग-अलग धर्मों के लड़के और लड़की की शादी 18 जुलाई को होने जा रही थी. लेकिन शादी का कार्ड सबके सामने आते ही समुदाय के लोगों ने विरोध करना शुरू कर दिया. लोगों ने इसे लव-जिहाद का मामला बताकर विरोध करना शुरू कर दिया. समुदाय के विरोध के बाद लड़की के परिवार को कार्यक्रम रद्द करना पड़ा.
दरअसल नासिक की रहने वाली एक 28 साल की विकलांग लड़की की शादी उनके ही साथ पढ़ने वाले मुस्लिम युवक आसिफ खान से होने जा रही थी. लड़की के परिवार ने कहा कि यह शादी दोनों परिवारों की रजामंदी से हो रही थी. लड़की पर धर्म बदलने का कोई दबाव नहीं था. दोनों परिवार एक दूसरे को काफी सालों से जानते हैं.

  • आपसी रजामंदी से तय हुई लड़के-लड़की की शादी

लड़की शारीरिक रूप से दिव्यांग है. दोनों परिवारों से आपसी रजामंदी के बाद शादी तय की थी.  यही नहीं मई महीने में उनकी शादी को कोर्ट में भी रजिस्टर करा दिया गया था. अब वह समारोह करने की योजना बना रहे थे. जैसे ही हिंदू लड़की और मुस्लिम लड़के की शादी का कार्ड सामने आया,  लड़की के समुदाय ने इस पर विरोध जताना शुरू कर दिया. वह इसे लव-जिहाद का मामला बता रहे थे.
जिसके बाद परिवार को हिंदू रीति-रिवाज के साथ मुस्लिम लड़के से अपनी बेटी के शादी समारोह को रद्द करना पड़ा. इसके बाद भी परिवार अपनी बेटी की पसंद के साथ खड़ा हुआ है. उन्होंने साफ किया कि यह जबरन धर्म परिवर्तन का मामला नहीं है. कोर्ट में उनकी शादी पहले ही हो चुकी है.

  • शादी का कार्ड लीक होते ही रद्द करना पड़ा फंक्शन

लड़की के पिता अडगांवकर ने कहा कि विकलांग होने की उनकी बेटी के लिए अच्छा जीवनसाथी नहीं मिल पा रहा था. जिसके बाद उनकी बेटी ने अपने ही एक दोस्त आसिफ खान के साथ शादी की इच्छा परिवार के सामने रखी. परिवार भी खुशी-खुशी दोनों की शादी के लिए तैयार हो गया. मई में ही नासिक के एक कोर्ट में दोनों की शादी को रजिस्टर करा दिया गया था. बेटी को विदा करने से पहले वह एक समारोह करना चाहते थे. जिसके लिए होटल की बुकिंग भी करा दी गई थी. लेकिन बेटी की शादी के कार्ड व्हाट्सएप  ग्रुप पर लीक हो गया. जिसके बाद अनजान लोगों ने भी इस पर विरोध जताते हुए उन्हें कॉल करना शुरू कर दिया. समुदाय के लोगों के दबाव के बाद उन्हें शादी समारोह रद्द करना पड़ा. जिसके बाद लड़की के परिवार को एक स्थानीय सामुदायिक संगठन लाड सुवर्णाकर संस्था को पत्र लिखकर इस बात को कंफर्म करना पड़ा कि शादी समारोह को रद्द कर दिया गया है. वहीं संस्था के अध्यक्ष सुनील महलकर ने भी बताया कि उन्हें दुल्हन के परिवार से पत्र मिला है. जिसमें कहा गया है कि शादी रद्द कर दी गई है.

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