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शीतसत्र का पहला दिन रहा हंगामाखेज

विधानसभा में पीएम मोदी की मिमीक्री से हंगामा

* विधान परिषद में पेपर लीक मामला छाया रहा

* सेना विधायक भास्कर जाधव ने उतारी पीएम मोदी की नकल

* हंगामें के बाद बिना शर्त माफी भी मांगी

* ओबीसी आयोग के लिए 430 करोड की अतिरिक्त निधि को मंजूरी

मुंबई/दि.22- आज राज्य विधान मंडल के शीतसत्र की मुंबई स्थित विधान भवन में शुरुआत हुई और पहले ही दिन सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच जबर्दस्त तनातनी वाला माहौल देखा गया. जहा विधानसभा में शिवसेना के विधायक भास्कर जाधव द्बारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मिमीक्री करते हुए नकल उतारने को लेकर जबर्दस्त हंगामा मचा और नौबत सदन की कार्रवाई को स्थगित करने तक जा पहुंची. पश्चात भास्कर जाधव ने अपने बयान व हरकत के लिए सदन बिना शर्त माफी मांगी. साथ ही नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस द्बारा दी गई विशेषाधिकार हनन की चुनौति को भी स्विकार किया. वहीं विधान परिषद में स्वास्थ्य सेवा की पदभर्ती और पेपर लीक मामले को लेकर जबर्दस्त तनातनी व टकराव वाली स्थिति बनी रही. इसके साथ ही आज सरकार द्बारा ओबीसी आयोग के लिए 430 करोड की अतिरिक्त निधि देने की घोषणा की गई है. बता दें कि, सरकार द्बारा इससे पहले भी ओबीसी आयोग हेतु केवल 5 करोड रुपयों को मंजूरी दी गई थी और ओबीसी आयोग ने इम्पीरिकल डेटा संकलित करने हेतु निधि नहीं मिलने को लेकर नाराजी व्यक्त करते हुए सरकार को पत्र भेजा था. जिसके चलते अब सरकार ने कुल 435 करोड रुपयों की निधि ओबीसी आयोग को देना प्रस्तावित किया है.
आज विधानसभा में कामकाज की शुरुआत होने के बाद उर्जा मंत्री नितीन राउत ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि, कोविड संक्रमण की वजह से वे राज्य की जनता को 100 यूनिट नि:शुल्क बिजली देने के आश्वासन को पूरा नहीं कर पाये. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, प्रधानमंत्री मोदी ने भी प्रत्येक व्यक्ति के खाते में 15 लाख रुपए देने का आश्वासन दिया था. जिसे आज तक पूरा नहीं किया जा सका. जिस पर आक्षेप लेते हुए विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि, पीएम मोदी ने ऐसा कभी नहीं कहा था. जिसके बाद सेना विधायक भास्कर जाधव ने अपने स्थान पर खडे रहकर पीएम मोदी की शैली में उनके द्बारा कहे गये वाक्य बोलकर दिखाये. जिसे देखते हुए नेता प्रतिपक्ष फडणवीस ने संतप्त होकर कहा कि, सभागृह में प्रधानमंत्री की नकल उतारना योग्य नहीं. यह अपने आपमें एक गलत परंपरा है. अत: भास्कर जाधव इसे लेकर सदन की माफी मांगे. किंतु भास्कर जाधव कुछ भी सुनने के लिए तैयार नहीं थे और उनका कहना रहा कि, नरेंद्र मोदी ने यह बयान प्रधानमंत्री बनने से पहले चुनाव प्रचार रैली में दिया था. अत: उन्होंने प्रधानमंत्री ही नहीं बल्कि भाजपा प्रत्याशी की नकल उतारी है, इसका ऐसा अर्थ लिया जाए. किंतु इसके बावजूद भी भाजपा विधायकों द्बारा सदन का कामकाज नहीं चलने दिया गया. जिसके बाद भास्कर जाधव ने अपने इस शब्दों और खुद के द्बारा की गई हरकत को वापिस लेने की बात कहीं. किंतु नेता प्रतिपक्ष फडणवीस का कहना रहा कि, भास्कर जाधव द्बारा अब भी इस विषय को मजाक में लिया जा रहा है और उनके पास अपने शब्द या हरकत को वापिस लेने का कोई भी पर्याय उपलब्ध नहीं है. ऐसे में विधानसभा अध्यक्ष ने अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए भास्कर जाधव के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करनी चाहिए. अन्यथा भाजपा द्बारा इसे लेकर विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाया जाएगा. वहीं दूसरी ओर भास्कर जाधव इस मामले को लेकर माफी नहीं मांगने पर अडे हुए थे. ऐसे में विधानसभा में काफी देर तक हंगामा मचा रहा और विधानसभा की कार्रवाई को स्थगित कर दिया गया.
वहीं दूसरी ओर विधान परिषद में स्वास्थ्य महकमें की पदभर्ती को लेकर नेता प्रतिपक्ष प्रविण दरेकर व भाजपा विधायक गोपीनाथ पडलकर काफी आक्रामक दिखाई दिये. इस विषय को लेकर हुई चर्चा के बाद स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे द्बारा कहा गया कि, स्वास्थ्य विभाग के गट ड की परीक्षा आवेदकों से एक भी पैसा नहीं लेते हुए दोबारा ली जाएगी. इस विषय को लेकर स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि, कोविड संक्रमण के खतरें को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग में पदभर्ती होना बेहद आवश्यक था. किंतु पदभर्ती के नाम पर काफी कुछ अनैतिक घटीत हुआ और कई गडबडियों व समय रहते उजागर किया गया. ऐसे में सरकार द्बारा दोषियों के खिलाफ कडी कार्रवाई की जाएगी और जल्द ही गट ड की नये सिरे से परीक्षा ली जाएगी. जिसके लिए आवेदकों से कोई नया परीक्षा शुल्क नहीं लिया जाएगा. वहीं इस विषय को लेकर आक्रामक रुख अपनाते हुए भाजपा विधायकों का कहना रहा कि, परीक्षा से पहले प्रश्नपत्र को लीक करने के मामले में परीक्षा के आयुक्त तुकाराम सुपे व सहसंचालक महेश बोटले के नाम सामने आ चुके है. जिन्होंने गट क के लिए 15 लाख व गट ड के लिए 8 लाख रुपए की रिश्वत स्विकारी, यह बात सामने आयी एक ऑडियो क्लिप से स्पष्ट हो गई है. ऐसे में यदि इस मामले में किसी मंत्री का नाम सामने आता है, तो क्या तब भी सरकार इस मामले की निष्पक्ष जांच करेंगी. जिस पर स्वास्थ्य मंत्री टोपे ने कहा कि, सरकार इस मामले की तह तक जाएगी और किसी भी दोषी को बक्शा नहीं जाएगा. वहीं इससे पहले विपक्षी सदस्यों का कहना रहा कि, पदभर्ती परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक करते हुए सरकारी सेवा में आने के इच्छूक युवाओं के जीवन व भविष्य के साथ बेहद अश्लिल खिलवाड किया जा रहा है. जिसे तत्काल रोका जाना चाहिए. साथ ही इस बात के लिए जांच की जानी चाहिए कि, आखिर न्यासा कंपनी को पदभर्ती की लिखित परीक्षा लेने का जिम्मा कैसे व किसके कहने पर सौंपा गया.
* कल होगा विधानसभा अध्यक्ष पद के चयन पर निर्णय
विधानसभा अध्यक्ष पद के चयन हेतु आज विधान सभा में प्रस्ताव रखा गया और विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए ध्वनीमत से मतदान कराये जाने की घोषणा की गई. जिसका विरोध करते हुए भाजपा ने जबर्दस्त नारेबाजी के बीच सदन के वॉकआउट किया. इसे लेकर नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने सवाल उठाया कि, विधानसभा अध्यक्ष चुनने के लिए सरकार गुप्त मतदान पद्धति से क्यों बचना चाह रही है, क्या सरकार को खुद अपने ही मंत्रियों और विधायकों पर भरोसा नहीं है. जिस पर सरकार की ओर से कहा गया कि, विधानसभा अध्यक्ष पद के चयन हेतु ध्वनीमत से मतदान को लेकर कल दोपहर 1 बजे तक आक्षेप दर्ज कराये जा सकेगे. जिसके बाद इस विषय को लेकर आवश्यक निर्णय लिया जाएगा.
* सरकार हर पलटवार के लिए तैयार
राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि, इस समय विपक्ष द्बारा पदभर्ती परीक्षाओं की गडबडी, एसटी कर्मचारियों की हडताल तथा ओबीसी आरक्षण को लेकर सरकार को घेरने का पूरा प्रयास किया जा रहा है. जिसके लिए राज्य सरकार पूरी तरह से तैयार है और विपक्ष के सभी हमलों पर योग्य तरीके से पलटवार किया जाएगा. डेप्यूटी सीएम अजित पवार के इस बयान को काफी सांकेतिक माना जा रहा है और इसका यह अर्थ निकाला जा रहा है कि, विपक्ष जितनी आक्रामकता दिखाएगा, उतनी ही आक्रामकता के साथ सरकार द्बारा विपक्ष को जवाब दिया जाएगा.

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