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एनआईए ने दी थी हाईकोर्ट में चुनौती
मुंबई/दि.24 – बॉम्बे हाईकोर्ट ने आतंकी संगठन आईएसआईएस से कथित संबंध के आरोप में गिरफ्तार 27 वर्षीय युवक अरीब मजीद को निचली अदालत से मिली जमानत को बरकरार रखा है. मजीद को राष्ट्रीय जांच एजेेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने जमानत दी थी. जिसे एनआईए ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. किंतु न्यायमूर्ति एस. एस. शिंदे व न्यायमूर्ति मनीष पीटले की खंडपीठ ने मजीद के मुकदमे की सुनवाई में रही देरी के मद्देनजर उसे निचली अदालत से मिली जमानत को कायम रखा है. खंडपीठ ने कहा कि यदि लंबे समय तक चली मुकदमे की सुनवाई के बाद आरोपी निर्दोष पाया जाता है तो इस अवधि के दौरान जेल में बीते समय को आरोपी को वापस नहीं लौटाया जा सकता.
अब तक इस मामले की सुनवाई में पांच साल का समय बीत चुका है. मामले से जुडे 50 गवाहों की गवाही हुई है. अभी 107 गवाहों की गवाही बाकी है. ऐसे में जल्द ही इस मामले की सुनवाई पूरी होने की संभावना नजर नहीं आती है. इसलिए आरोपी को जमानत दी जाती है. खंडपीठ ने मजीद को एक लाख रूपये के मुचलके पर जमानत दी है. साथ ही उसे कल्याण इलाके से बाहर न जाने का निर्देश दिया है.