नागपुर/दि.9– प्रदेश के राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल द्वारा विधायक के एक पत्र के आधार पर गोंदिया में गौण खनिज हक नीलामी को स्टे दिया था. उनका यह आदेश बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने कानून के दायरे से बाहर बताकर रद्द कर दिया है. न्या. अविनाश घरोटे और न्या. एम. जवलकर की खंडपीठ ने इस बारे में दायर याचिका का फैसला कर डाला.
गोंदिया जिले के रायपुर तहसील में क्वार्ट्ज को लघु खनिज खनन का अधिकार याचिकाकर्ता आकेश अग्रवाल ने दिए थे. उससे पूर्व खनन के अधिकार प्राप्त करने के लिए याचिकाकर्ता और एक अन्य ने निविदा भरी थी. गोंदिया जिलाधिकारी ने याचिकाकर्ता को सर्वाधिक बोली रहने से खनन का अधिकार दिया. विगत 2 सितंबर 2022 को याचिकाकर्ता के नाम लेटर ऑफ इंटेंट भी जारी किया. जिसे जिंदल ट्रेडर्स कंपनी ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी. न्यायालय ने उसकी अर्जी खारिज कर दी. जिसके बाद खनिकर्म विभाग ने फिर आकेश अग्रवाल को नया लेटर ऑफ इंटेंट जारी किया.
विधायक गोपालदास अग्रवाल ने इस बारे में गत 19 अक्तूबर 2022 को राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे को पत्र लिखा. पत्र के आधार पर विखे ने नीलामी प्रक्रिया पर रोक का आदेश जारी किया. याचिकाकर्ता इस आदेश के विरुद्ध हाईकोर्ट पहुंचा तो नतीजा उनके फेवर में रहा.