महाराष्ट्र

बच्चों की खरीद-फरोख्त करने वाला गिरोह पकडा गया

मुंबई /दि.19 – अपराध शाखा ने बच्चों की खरीद-फरोख्त से जुडे एक गिरोह का पर्दाफाश करते हुए सात महिलाओं समेत नौ आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पकडे गए आरोपियों में एक डॉक्टर, एक नर्स और एक लैब टेक्नीशियन है. छानबीन में खुलासा हुआ है कि, आरोपी पिछले छह सालों से इस काम में लिप्त थे. आरोपी बच्चे की असली मां को 60 हजार से डेढ लाख रुपए देते थे, जबकि खरीदने वालों से ढाई से तीन लाख रुपए में सौदा करते थे.
गिरफ्तार 58 वर्षीय डॉक्टर का नाम धनंजय बोगे है. बोगे बीएचएमएस डॉक्टर है और उसका लोअर परेल में क्लीनिक है. इसके अलावा गीतांजलि गायकवाड नाम की नर्स और आरती सिंह नाम की लैब टेक्नीशीयन को भी गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार आरोपियों को सोमवार को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 21 जनवरी तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है. दरअसल अपराध शाखा को इस गिरोह के बारे में गुप्त सूचना मिली थी कि मुंबई में रहने वाली रुख्सर शेख नाम की एक महिला ने अपने दो बच्चों को तीन महिला एजेंटों की मदद से मुंबई और पुणे में बेचा है. इसके बाद पुलिस ने रुपाली वर्मा, निशा अहिरे और हिना खान नाम के तीन बिचौलियों को दबोचा. इसके बाद संजय पदम और शाहजहां जोगिलकर नाम के आरोपियों पर भी शिकंजा कसा गया. बच्चे बेचने वाली महिला ने स्वीकार किया कि उसने अपनी बेटी 60 हजार में जबकि बेटा डेढ लाख रुपए में बेचा था. पुलिस के मुताबिक आरोपी झुग्गी बस्तियों में रहने वाली गर्भवती महिलाओं पर नजर रखते थे और उनसे सौदा करते थे.

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