‘जे.जे.’की भव्य इमारत की भारतीय प्रॉपर्टी के रूप में होंगी पहचान
लगभग 180 सालों बाद ब्रिटिशों का हटेगा अधिकार
* सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयास
मुंबई/दि.11-राज्य तथा देश के विविध स्थानों से कई मरीज मुंबई के जे.जे. हॉस्पिटल में इलाज करवाने आते है. विगत 180 सालों से मरीज सेवा में समर्पित यह भव्य इमारत अब जल्द ही भारतीय प्रॉपर्टी के रूप में पहचानी जाएगी. देश का सबसे पुराना और मेडिकल क्षेत्र में प्रतिष्ठा का रहने वाला जे.जे. अस्पताल अब तक ब्रिटिश संस्था के नाम पर था. आने वाले कुछ महीने में संस्था के प्रॉपर्टी कार्ड पर लिखा ब्रिटिश मालिकाना अधिकार हटकर उस पर सरकार का नाम लगाया जाएगा.
* आजादी के 76 वर्ष बाद भी ब्रिटिशों का नाम
-सर जे.जे. समूह अस्पताल के अंतर्गत जी.टी.अस्पताल, सेंट जॉर्जेस हॉस्पिटल, और कामा अल्बेस यह हॉस्पिटल आते है.
– 46 एकड परिसर के इस अस्पताल का निर्माणकार्य 1845 में पूर्ण हुआ. तबसे इस इमारत के संपत्ति दस्तावेज पर सेक्रेटरी ऑफ स्टेट फॉर इंडिया इन कौन्सिल यह ब्रिटिशकालीन नाम है.
-ब्रिटिशों की सत्ता जाकर 76 साल बीतने के बाद भी अब तक जे.जे. की पहचान ब्रिटिश संपत्ति ऐसी ही थी. इसलिए अस्पताल के प्रॉपर्टी कार्ड पर से यह नाम हटाकर जगह का अधिकार सरकार के नाम पर करने के लिए सरकार प्रयत्नशील है.
* अधिकांश जानकारी संकलित
जे.जे. हॉस्पिटल की अधिष्ठाता डॉ.पल्लवी सापले ने वैद्यकिय शिक्षा विभाग के मार्गदर्शन के अनुसार अस्पताल के पुराने दस्तावेज खोजना शुरु किया. उन्होंने अस्पताल परिसर का पुराना नक्शा भी प्राप्त किया है. सिटी सर्वे नंबर और उससे संबंधित जानकारी ली गई है. इस संबंध में अधिकांश जानकारी संकलित की गई है.
प्रयास शुरु है
जे.जे.अस्पताल के प्रॉपर्टी कार्ड पर सरकार का नाम लगाने के लिए कुछ महीने पूर्व से प्रयास शुरु है. इस जमीन के पुरानी रजिस्ट्री स्कॅन करके रखी गई है. अस्पताल परिसर की जमीन का नापजोख किया गया है. इसलिए कुछ ही महीने में यह जमीन सरकार के नाम पर होने वाली है.
-राजीव निवतकर, आयुक्त,
वैद्यकिय शिक्षा विभाग