राज्य सरकार के करोड़ों रुपए लेकर प्रशिक्षण न देते कंपनियों का पलायन
मंत्री गिरीश महाजन ने दिए अपराध दर्ज करने आदेश
मुंबई-/दि.24 सरकार द्वारा बेरोजगारों को कौशल्य विकास का प्रशिक्षण देने के लिए करोड़ो रुपए पहले लेने वाली व बाद में प्रशिक्षण ही न देने वाली चार निजी कंपनियां कार्रवाई की रडार पर है. इन चारों कंपनियों के खिलाफ तुरंत अपराध दर्ज करने के आदेश ग्रामविकास मंत्री गिरीश महाजन ने शुक्रवार को दिये. इस प्रशिक्षण के निमित्त हुए अन्य घोटालों की भी जांच की जाएगी.
पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य विकास यह केंद्र सरकार की योजना है और वह राज्य सरकार के माध्यम से चलाई जाती है. 18 से 35 वर्ष आयु समूह के युवक-युवतियों को कौशल्य विकास का प्रशिक्षण इस योजना अंतर्गत दिया जाता है. प्रशिक्षण के बाद प्रमाण पत्र दिया जाता है और उम्मीदवार को कम से कम 6 हजार रुपए मिलने लायक रोजगार भी उपलब्ध करवाया जाता है. अनुसूचित जाति (31%), अनु.जमाति (25%), अल्पसंख्यांक (20%) व महिलाओं का कुल प्रमाण 300 प्रतिशत ऐसा उम्मीदवारों का प्रमाण होना आवश्यक किया गया है.
इन कंपनियों के नाम व उन्हें दी गई आगाऊ राशि इस तरह है- सूर्या वायर प्रा. लि. (7.26 करोड़ रु.),जाईजुई चैरिटेबल ट्रस्ट (79 लाख), ध्येयपूर्ति सेवा स्वयंरोजगार प्रशिक्षण सहकारी संस्था (79 लाख) एवं अॅपेरल एंड लेदर टेक्ननिक्स प्रा.लि. (1.26 करोड़) इन चार कंपनियों को 9.10 करोड़ रुपए आगाऊ अदा किये गए थे. प्रशिक्षण देने के बदले में उन्हें 37.35 करोड़ देने का निश्चित किया गया था. लेकिन इन कंपनियों ने प्रशिक्षण शुरु करने से पहले 25 प्रतिशत आगाऊ रकम उठाई. प्रशिक्षण का काम राज्य की कंपनियों को ही दिया जाये,ऐसा केंद्र सरकार का नियम था. ये कंपनियां राज्य से बाहर की थी और उन्होंने केंद्र सरकार से नियम बदलकर लाया,ऐसी भी धक्कादायक जानकारी मिली. इस प्रकार की अन्य भी कंपनियां पाये जाने की संभावना होकर वे भी अब रडार पर आयी है.
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बैठक से ही मंत्री महाजन का फोन
चार कंपनियों को 9.10करोड़ रुपए दिये गये.लेकिन उन्होंने किसी को भी प्रशिक्षण नहीं दिया,यह धक्कादायक बात मंत्रालय की बैठक में सामने आते ही ग्रामविकास मंत्री गिरीश महाजन ने बैठक में से ही नई मुंबई के पुलिस आयुक्त को फोन किया और इन कंपनियों के खिलाफ तुरंत अपराध दर्ज करने की बात कही. ग्रामविकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेशकुमार मीणा ने कुछ दिनों पूर्व इस संदर्भ में कार्रवाई करने हेतु पुलिस विभाग को पत्र दिया था लेकिन कार्रवाई नहीं की गई, ऐसी भी जानकारी बैठक में दी गई.