संपर्क में आते ही कोरोना वायरस की बाहरी झिल्ली हो जाएगी नष्ट
पुणे में तैयार हुआ अनोखा मास्क
पुणे/दि. 15 – पुणे स्थित एक स्टार्ट-अप कंपनी ने एक अनोखा मास्क तैयार किया है. इस मास्क की खासियत यह है कि इसके संपर्क में आते ही कोरोना वायरस कमज़ोर पड़ जाता हैं. इस मास्क को बनाने में एक खास तरह के लेप का इस्तेमाल हुआ है. थ्रीडी प्रिंटिंग और दवाइयों के घोल का इस्तेमाल करते हुए इसे इस तरह से बनाया गया है कि इसके संपर्क में आकर कोरोना वायरस की बाहरी झिल्ली नष्ट हो जाती हैं. इससे वायरस इनैक्टिवेट यानी निष्क्रिय हो जाता है.
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DST) ने सोमवार को इसकी घोषणा की है. इस खास मास्क के बारे में बताते हुए डीएसटी ने कहा कि यह खास तरह का मास्क थ्रिंक टेक्नॉलोजीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक स्टार्ट-अप कंपनी द्वारा तैयार किया गया है. इन मास्क पर विषाणु रोधक एजेंट का लेप होता है. यह लेप थ्री डी प्रिंटिंग और अलग-अलग दवाओं को मिलाकर बना होता है. यह संपर्क में आने वाले वायरल पार्टिकल्स यानी विषाणुओं को कमज़ोर करके मार देता है. इसीलिए ये एजेंट विषाणुनाशक कहलाते हैं. डीएसटी ने बताया कि उनके सामने मास्क में लगे लेप के असर को दिखाया गया. यह लेप सार्स-कोव-2 को इनैक्टिवेट कर देता है. लेप में इस्तेमाल में लाई गई चीज़ सोडियम ओलेफिन सल्फोनेट आधारित घोल है. इसका इस्तेमाल साबुन में होता है. जब वायरस इस लेप के संपर्क में आता है तो उसकी बाहरी झिल्ली नष्ट हो जाती है. लेप में इस्तेमाल में लाई गई चीज़ें सामान्य तापमान पर स्थिर होती हैं. इनका इस्तेमाल सुंदरता बढ़ाने वाली कॉस्मेटिक की चीजों में भी किया जाता है.
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कोविड-19 के खिलाफ जंग में एक महत्वपूर्ण पहल
डीएसटी ने बताया कि कोविड-19 के खिलाफ जंग के तहत यह वायरस मारने वाला मास्क एक शुरुआती पहल है. इसे टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट बोर्ड (TDB) की ओर से कमर्शियलाइजेशन के लिए चुना गया है. यह बोर्ड विभाग के अंतर्गत एक सांविधिक निकाय है. थिंक्र टेक्नॉलोजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक निदेशक शीतलकुमार जामबाद ने कहा, ‘‘हमने महसूस किया कि मास्क संक्रमण रोकने में सार्वभौमिक रूप से एक बड़ा औजार बन जाएगा. लेकिन उस समय उपलब्ध और आम लोगों की पहुंच में आने वाले ज्यादातर मास्क घर में बने और अपेक्षाकृत कम गुणवत्ता के थे.” उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे में उच्च गुणवत्ता की मास्क बनाने की जरूरत ने हमें परियोजना को हाथ में लेने को प्रेरित किया. यह संक्रमण को फैलने से रोकने की एक बेहतर पहल थी.”