महाराष्ट्र

न्यायपालिका के लोगों को अंत में लगे टीका : हाई कोर्ट

पहले आवश्यक सेवा वालों को लगे कोरोना टीका

मुंबई/11 मार्च – बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि आवश्यक सेवा के तहत स्थानीय निकायों के जो कर्मचारी घर-घर सेवा दे रहे हैं, ऐसे लोगों को कोरोना का टीका लगाने में प्राथमिकता दी जानी चाहिए. हाईकोर्ट ने कहा कि कोरोना के टीके की डोज सीमित है. ऐसे में न्यायपालिका के लोगों को पहले टीका लगाने के लिये कहना स्वार्थपूर्ण होगा. प्रसंगवश कोर्ट ने टाइटेनिक फिल्म के जहाज का उदाहरण दिया.
कोर्ट ने कहा कि इस फिल्म में डूबते हुए जहाज का कैप्टन पहले जहाज में सवार सभी लोगों को उतारता है, इसके बाद सबसे आखरी में वह (कैप्टन) जहाज से उतरता है. इसी तरह से न्यायपालिका के लोग सब से आखिरी में कोरोना का टीका लेंगे. मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति गिरीष कुलकर्णी की खंडपीठ ने यह बात दो वकीलों की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान कही. याचिका में मांग की गई है कि न्यायाधीशों, वकीलों व उनके स्टाफ को कोरोना के टीके में प्राथमिकता दी जाये. अधिवक्ता वैष्णवी घोलवे व योगेश मोरबाले ने यह याचिका दायर की है.
खंडपीठ ने कहा कि न्यायापालिका में भी कोरोना के मामले सामने आये हैं. इसलिए न्यायाधीशों को पहले कोरोना का टीका लगाया जाये. यह कहना स्वार्थपूर्ण होगा. आखिर उन मनपा कर्मचारियों को पहले टीका क्यों न लगे जो रोज लोगों के घर-घर अपनी सेवा देते हैं. किसे टीका लगाने में प्राथमिकता देना है, यह नीतिगत निर्णय है.

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