राज्य महिला आयोग का अध्यक्ष पद है रिक्त
मुंबई./दि. ३ – देशभर में महिला अत्याचार का प्रमाण बढ़ गया है. महाराष्ट्र में भी संचारबंदी के दौर में अनेक महिलाएं अत्याचार का शिकार होने के मामले सामने आए. इस हालात में भी महाराष्ट्र राज्य के महिला आयोग का अध्यक्ष पद खाली पड़ा हुआ है. यहां बता दे कि तत्कालीन अध्यक्ष विजया रहाटकर ने महिला आयोग अध्यक्ष पद से बीते ४ फरवरी को इस्तीफा दिया था. महिला आयोग कार्यालय में २० मार्च से ३० अगस्त की अवधि में ऑनलाइन पध्दति से ७०० शिकायतें प्राप्त हुई है. बीते तीन वर्षो में लगभग ४ हजार महिला अत्याचार के मामले प्रलंबित होने की जानकारी सामने आयी है. इनमें सर्वाधिक शिकायतें पारिवारिक हिंसाचार की है. इसके बाद दुष्कर्म, धोखाधड़ी, दहेज के लिए छल, काम करने की जगह पर बदसलूकी, महिला होने के चलते भेदभाव, यौन शोषण व संपत्ति से अधिकार हटाने की शिकायतों का प्रमाण ज्यादा है. पूर्व अध्यक्ष के इस्तीफे के बाद उच्च न्यायालय ने अगले १५ दिन में यह पद भरने के आदेश दिए थे. लेकिन संचारबंदी के दौर में महिला अत्याचार के प्रमाण बढऩे पर भी सरकार ने इस आदेश पर पूरी तरह से नजरअंदाज करने का काम किया है. महिला आयोग अध्यक्ष पद को राज्यमंत्री पद स्तर का दर्जा है.
अध्यक्ष पद के लिए तीन साल अथवा सरकार के अगले आदेश तक अपना कार्यकाल संभालना पड़ता है. अध्यक्ष पद सहित कुल ६ सदस्य व १ सदस्य सचिव कार्यरत रहते है. फिलहाल अध्यक्ष की गैर मौजूदगी में सदस्य सचिव आस्था लुथरा की देखरेख में आयोग का कामकाज चल रहा है. राज्य महिला व बालकल्याण विभाग अंतर्गत महिला आयोग, बाल आयोग और महिला आर्थिक विकास महामंडल द्वारा महिलाओं के लिए स्वतंत्र रूप से काम किया जाता है. मुख्यमंत्री की अंतिम मंजूरी मिलने के बाद ही अध्यक्ष पद के लिए योग्य उम्मीदवार की नियुक्ति की जा सकती है.