महाराष्ट्र

31 मार्च 2022 तक नहीं बढ़ेंगी रेडिरेकनर की दर

 शहरी इलाकों में 6, ग्रामीण इलाकों में 5 फीसदी स्टैम्प ड्यूटी

पुणे/दि.1 – कोरोना का संकट अभी टला नहीं है. बीते वर्ष सितंबर माह में बढ़ाये गये रेडिरेकनर की दरों में अब किसी भी तरह का इजाफा नहीं करने का निर्णय सरकार की ओर से लिया गया है. जिसके तहत आज 1 अप्रैल से 31 मार्च 2022 तक रेडिरेकनर के 6 माह पहले बढ़ाये गये दरों को ही बरकरार रखने का निर्णय लिया गया है. इसी तरह स्टैम्प शुल्क में दी गई दो फीसदी छूट में भी इजाफा नहीं करने का निर्णय लिया गया है. जिसके चलते शहरी इलाकों में 6 फीसदी व ग्रामीण इलाकों में 5 फीसदी स्टैम्प शुल्क संपत्ति खरीदी-बिक्री के लिये लिया जायेगा. इस संबंध में एक आदेश राज्य सरकार ने बुधवार को पारित किया है.
यहां बता दें कि कोरोना विपदा के चलते राज्य की तिजोरी खाली पड़ी नजर आ रही है. जिसके चलते बीते वर्ष 1 अप्रैल की बजाय 11 सितंबर को रेडिरेकनर की दरों में इजाफा किया गया था. बीते ढाई वर्षों में रेडिरेकनर की दर में वृध्दि नहीं होने से और कोरोना विपदा के चलते राजस्व की जरुरत पड़ने से रेडिरेकनर की दरों में 1.74 फीसदी इजाफा किया गया. राज्य में सबसे ज्यादा इजाफा पुणे जिले में 3.91 फीसदी व पूना मनपा क्षेत्र में 1.56 फीसदी इजाफा हुआ था. पुणे में बढ़ोत्तरी करने के बाद मुंबई वासियों को राहत देते हुए मुंबई में रेडिरेकनर की दर 0.06 फीसदी कम किये गये थे. यही दर अब 31 मार्च 2022 तक बरकरार रहेंगे. संपत्ति खरीदी-बिक्री व निर्माणकार्य व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिये 1 सितंबर से 31 दिसंबर 2020 की अवधि के लिये स्टैम्प शुल्क 3 फीसदी बढ़ाकर दिये गये. वहीं 1 जनवरी 2021 से 31 मार्च 2021 की अवधि के लिये 2 फीसदी छूट दी गई थी. यह सहूलियत 31 मार्च को समाप्त हो चुकी है. अब सहूलियत बढ़ाने का भी निर्णय नहीं लिया गया है.

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