महाराष्ट्र

बुलढाणा में बाल झडने की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने उठाई मांग

* राशन के गेहूं से समस्या पैदा होने की बात कही
मुंबई /दि.27– बुलढाणा जिले की तीन तहसीलों के हजारों लोगों को बाल झडने की गंभीर समस्या का सामना करना पडा और बाल झड जाने की वजह से लोगों के गंजे हो जाने के मामले भी सामने आए. इस घटना के पीछे क्या वजह रही इसकी खोज करने की सख्त जरुरत है. परंतु तीन माह का समय बित जाने के बावजूद भी सरकार द्वारा इसकी रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया है. बल्कि सरकार द्वारा टालमटोल वाले उत्तर दिए जा रहे है. जिसका सीधा मतलब है कि, सरकार कुछ न कुछ छुपने का प्रयास कर रही है, इस आशय का प्रतिपादन महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल द्वारा किया गया.
मीडिया के साथ बातचीत करते हुए कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने कहा कि, दिसंबर माह के दौरान बुलढाणा जिले की तीन तहसीलों के 19 गांवों में बाल झडकर लोगों के गंजे हो जाने के मामले सामने आए थे. ऐसा होने के पीछे क्या वजह रही, इसका खुलासा सरकार द्वारा अब तक नहीं किया गया है. जिस परिसर में लोगों के बाल झडने की समस्या सामने आई वह परिसर खारे पानी वाला पट्टा है और उस परिसर में लोगों के बाल झडने की शिकायते सामने आने के बाद सरकार ने मामले की जांच की. लेकिन इससे संबंधित रिपोर्ट अब तक प्राप्त नहीं हुई, ऐसा सरकार का कहना है. जिससे यह संदेह हो रहा है कि, या तो सरकार इस रिपोर्ट को दबाने या छिपाने का प्रयास कर रही है या फिर इस रिपोर्ट को बदलने का प्रयास किया जा रहा है.
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल के मुताबिक प्रख्यात संशोधक पद्मश्री डॉ. हिम्मतराव बावस्कर ने इस परिसर में रहनेवाले लोगों के त्वचा व नाखून के सैम्पल सहित राशन व्यवस्था के जरिए वितरित किए जानेवाले गेहूं के सैम्पल संकलित कर उनकी प्रयोगशाला में जांच की. इसके जरिए यह स्पष्ट हुआ कि, यह पूरी घटना राशन प्रणाली के तहत वितरित किए गए गेहूं के वजह से हुई है. क्योंकि इस गेहूं में बडे पैमाने पर सेलेनियम पाया गया है. सेलेनियम का प्रमाण अधिक रहने के चलते जी मचलाने, खुजली होने व मधुमेह जैसी शिकायते सामने आती है. इसे लेकर डॉ. बावस्कर ने राज्य सरकार से पत्रव्यवहार भी किया. लेकिन सरकार ने उनकी रिपोर्ट को कचरे की टोकरी दिखा दी.
इसके साथ ही कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सपकाल ने यह भी कहा कि, इस मामले को विधान परिषद में रखे जाने पर मंत्री द्वारा भी दिशाभूल करनेवाली जानकारी दी गई. जबकि यह कोई राजनीतिक विषय नहीं है. बल्कि यह लोगों के जीने-मरने के साथ जुडा मसला है. सपकाल ने यह संदेह भी व्यक्त किया कि, इस पूरे मामले के पीछे कोई बडा व्यक्ति है, जिसे सरकार द्वारा बचाने का प्रयास किया जा रहा है. जबकि सरकार ने लोगों की जान के साथ खिलवाड नहीं करना चाहिए.

Back to top button