विधान परिषद चुनाव का नतीजा, विदर्भ में भाजपा ने मारी बाजी
नागपुर से चंद्रशेखर बावनकुले व अकोला से वसंत खंडेलवाल जीते
* नागपुर में बावनकुले को 554 में से 362 वोट मिले
* निर्दलीय प्रत्याशी मंगेश देशमुख को 186 वोट
* कांग्रेस ने चार दिन पहले देशमुख के समर्थन में अपना प्रत्याशी वापिस लिया था
* अकोला में महाविकास आघाडी के बाजोरिया हारे
* लगातार तीन बार के विधायक थे गोपीकिसन बाजोरिया
* खंडेलवाल को 438 व बाजोरिया को 328 वोट मिले
* 110 वोटों से वसंत खंडेलवाल ने मारी बाजी
* दोनों निर्वाचन क्षेत्रों में महाविकास आघाडी के वोट फूटे, भाजपा को हुआ फायदा
नागपुर/अकोला/ दि.14– महाराष्ट्र विधान परिषद की नागपुर तथा अकोला-वाशिम-बुलडाणा स्थानीय स्वराज्य संस्था सीट हेतु हुए चुनाव की मतगणना आज की गई. जिसमें विदर्भ क्षेत्र की इन दोनों सीटों से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी विजयी हुए है. जिसके तहत नागपुर से चंद्रशेखर बावनकुले तथा अकोला से वसंत खंडेलवाल ने चुनाव जीता. विशेष उल्लेखनीय यह है कि, अकोला-वाशिम-बुलडाणा सीट से खंडेलवाल का मुकाबला महाविकास आघाडी प्रत्याशी गोपीकिशन बाजोरिया से था. जो इससे पहले लगातार तीन बार इस सीट से चुनाव जीतते आये है. किंतु इस बार बाजोरिया को चुनाव में हार का सामना करना पडा. जिसे शिवसेना सहित महाविकास आघाडी के लिए काफी बडा झटका माना जा रहा है.
बता दें कि, निर्वाचन आयोग द्वारा विधान परिषद की स्थानीय स्वायत्त निकायों से चुनी जानेवाली 6 सीटों के लिए चुनाव की घोषणा की गई थी. जिसमें से 4 सीटों पर चुनाव निर्विरोध हो गया. वहीं नागपुर तथा अकोला-वाशिम-बुलडाणा स्थानीय स्वराज्य संस्था निर्वाचन क्षेत्र में मतदान कराया गया. जिसके तहत अकोला-वाशिम-बुलडाणा निर्वाचन क्षेत्र में शिवसेना विधायक व महाविकास आघाडी प्रत्याशी गोपीकिशन बाजोरिया तथा भाजपा प्रत्याशी वसंत खंडेलवाल के बीच काटे की टक्कर हुई. जिसमें भाजपा प्रत्याशी खंडेलवाल विजयी रहे. वहीं नागपुर में कांग्रेस द्वारा ऐन समय पर अपने प्रत्याशी डॉ. रविंद्र उर्फ छोटू भोयर की बजाय निर्दलीय प्रत्याशी मंगेश देशमुख को समर्थन देने की घोषणा की गई थी. साथ ही वोटों के बंटवारे को रोका जा सके. किंतु यहां पर भी भाजपा के चंद्रशेखर बावनकुले ने जीत हेतु निर्धारित वोटों का कोटा पूर्ण करते हुए शानदार जीत हासिल की. इन दोनों ही निर्वाचन क्षेत्रों में महाविकास आघाडी के हिस्से में रहनेवाले वोट जमकर फूटे. जिसका सीधा फायदा भाजपा को हुआ.
* नागपुर में भाजपा पार्षद को कांग्रेस ने बनाया था प्रत्याशी
नागपुर की सीट पर कांग्रेस द्वारा भाजपा छोडकर आये पार्षद डॉ. रविंद्र उर्फ छोटू भोयर को अपना प्रत्याशी बनाया गया था. जिसे लेकर कांग्रेस सहित महाविकास आघाडी के घटक दलों में ही काफी नाराजगी देखी जा रही थी. क्योंकि छोटू भोयर संघ के स्वयंसेवक भी है, जिन्हें ऐन समय पर पार्टी प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले द्वारा अपने पाले में लाया गया. जबकि यहां पर पहले राजेंद्र मुलक का नाम आगे किया गया था. वहीं बाद में सुनील केदार ने आरोप लगाया कि, ऐन प्रचार के समय भोयर काफी हद तक कम पड गये. जिसके चलते मतदान से चार दिन पहले कांग्रेस ने अपना फैसला बदलते हुए निर्दलीय प्रत्याशी मंगेश देशमुख को समर्थन देने की घोषणा की. वहीं कांग्रेस के फैसलों को लेकर राकांपा द्वारा शुरूआत से अपनी नाराजगी जताई जा रही थी, क्योंकि राकांपा को नामांकन प्रस्तुत करते समय बुलाया नहीं गया था. साथ ही शिवसेना भी कांग्रेस के साथ दिल से नहीं थी. ऐसे में इन तमाम बातों का सीधा फायदा भाजपा प्रत्याशी बावनकुले को मिला. चूंकि कांग्रेस द्वारा भाजपा पार्षद को ही अपने पाले में कर उसे उम्मीदवार बनाया गया था. ऐसे में भाजपा ने अपने सभी नगरसेवकों को पहले ही लामबंद करते हुए पिकनीक मनाने भेज दिया था. जिन्हें ऐन मतदानवाले दिन ही वापिस लाया गया और भाजपा का नियोजन पूरी तरह से सफल रहा.
* बावनकुले को 362 व कांग्रेस प्रत्याशी को केवल 1 वोट
– निर्दलीय मंगेश देशमुख ने हासिल किये 186 मत
विधान परिषद की नागपुर सीट हेतु कराये गये चुनाव में जीत हेतु 278 वोटों का कोटा तय किया गया था. जिसे पूरा करने के साथ ही भाजपा प्रत्याशी चंद्रशेखर बावनकुले ने 362 वोट प्राप्त किये. वहीं ऐन समय पर कांग्रेस का समर्थन प्राप्त करनेवाले निर्दलीय प्रत्याशी मंगेश देशमुख को 186 वोट मिले. इसके साथ ही खुद कांग्रेस द्वारा प्रत्याशी बनाये गये डॉ. रविंद्र उर्फ छोटू भोयर को केवल एक वोट मिला. ऐसे में भाजपा की इस जीत का सीधा परिणाम नागपुर महानगरपालिका के आगामी चुनाव में दिखाई देगा तथा कांग्रेस व राकांपा को काफी हद तक नुकसान व परेशानी का सामना मनपा चुनाव में करना पड सकता है. ऐसे कयास लगाये जा रहे है.
* अकोला सीट पर हुई काटे की टक्कर, 31 वोट रहे अवैध
अकोला-वाशिम-बुलडाणा निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस के 190, शिवसेना के 130, राकांपा के 76 वोट है. यानी महाविकास आघाडी के पास कुल 396 वोट थे. इसके अलावा वंचित बहुजन आघाडी के 85 व निर्दलीय 171 ऐसे कुल 256 मतदाता है. इन दिनों वंचित बहुजन आघाडी की महाविकास आघाडी के साथ काफी नजदिकिया चल रही है. ऐसे में बाजोरिया की जीत को काफी आसान माना जा रहा था. वहीं दूसरी ओर भाजपा के पास केवल 244 वोट थे, किंतु मतदान पश्चात भाजपा प्रत्याशी वसंत खंडेलवाल को 443 वोट मिले. वहीं तीन बार से विधायक निर्वाचित रहे गोपीकिशन बाजोरिया को केवल 334 वोट पर ही संतोष करना पडा. इस निर्वाचन क्षेत्र में 31 वोट अवैध साबित हुए. जिससे खंडेलवाल की जीत का रास्ता और भी अधिक आसान हो गया. कुल मिलाकर नागपुर की ही तरह अकोला-वाशिम-बुलडाणा सीट के चुनाव में भी महाविकास आघाडी में आपसी तालमेल नहीं दिखाई दिया और दोनों ही स्थानों पर आघाडी के घटक दलों के वोट जमकर फूटे. जिसका सीधा फायदा भाजपा को मिला और विदर्भ क्षेत्र की 2 सीटों पर हुए चुनाव में भाजपा प्रत्याशियों ने जीत हासिल की.