बुलढाणा जिले में सिर के बाल गिरने की जड निकली हरियाणा और पंजाब में
वरिष्ठ संशोधक डॉ. बावस्कर ने अपने खर्च से की खोज

मुंबई /दि.21– बुलढाणा जिले के 18 गांव में लोगों के सिर के बाल गिरने का प्रमाण बढ गया था. इसकी जड पंजाब, हरियाणा राज्य के शिवालिक पहाड से संबंधित रहने का निष्कर्ष वरिष्ठ संशोधक व अभ्यासक डॉ. हिम्मतराव बावस्कर ने निकाला है. इसके लिए उन्होंने अपने खर्च से तह तक जाकर मामले की जांच की. यहीं पर न रुकते हुए उन्होंने इसके लिए उपाय भी खोज निकाले है.
डॉ. हिम्मतराव बावस्कर ने बताया कि, बुलढाणा में सभी 18 गांव के ग्रामवासी राशन दुकान पर अवलंबित है. राशन में मिलने वाला गेहूं उनकी इस बीमारी का कारण है. इस कारण बोंदगांव के सरपंच रामेश्वर धारकर से वहां आने वाले गेहूं के बोरे के फोटो, गेहूं के सैम्पल मंगवाये गये थे. वह गेहूं पंजाब, हरियाणा के शिवालिक पर्वत से सटकर स्थित गांव के थे, यह सिद्ध हुआ. शिवालिक पहाडी से बारिश के मौसम में काफी पानी बहता है. वहां के पत्थरों में सेलेनियम का प्रमाण अधिक है. पहाडियों से बहते पानी के साथ यह सेलिनियम खेतों में फैलता है. उस परिसर में वहां के किसानों ने कम्पाउंड घेर रखा है. यहां फसल की बुआई न करें, ऐसा भी कहा है. गेहूं में सेलिनियम शोषित करने की क्षमता अन्य फसलों से अधिक रहती है. उस क्षेत्र के खेतों में आयी गहूं की फसल राशन दुकान के माध्यम से बुलढाणा जिले में पहुंची. यह उस बोरे पर अंकित जानकारी से सिद्ध हुआ. ऐसा भी डॉ. बावस्कर ने कहा.
* कायम स्वरुप उपाय आवश्यक
यदि जमीन में सेलिनियम का प्रमाण बढा हो, तो उस जमीन में खेती करना अथवा जमीन की बिक्री करना यह उपाय नहीं हो सकता. ऐसी जमीन सेलिनियम मुक्त करने के लिए जमीन में गोबर खाद और जिप्सम डालना चाहिए. साथ ही सूर्यफूल और तिल की फसल लेनी चाहिए. तिल में सेलेनियम शोषित करने का प्रमाण अधिक रहता है. इसका भी फायदा हो सकता है. इस क्षेत्र में सरफेस वॉटर देने की दृष्टि से नहर का पानी देना चाहिए. यह उपाय कायम स्वरुप करना पडेगा. ऐसा भी डॉ. बावस्कर ने कहा.
* यह महाराष्ट्र में कही भी होने की संभावना
– सरकार ने पंजाब, हरियाणा क्षेत्र से आने वाले गांव में सेलेनियम का प्रमाण कितना है, यह गेहूं वितरण करने के पूर्व देखना चाहिए. वैसा न करते हुए यदि गेहूं का वितरण हुआ, तो जो बुलढाणा में हुआ है वह महाराष्ट्र में कही भी हो सकता है, ऐसा भय भी डॉ. बावस्कर ने व्यक्त किया है.
– बुलढाणा में जो कुछ हुआ उसकी आईसीएमआर से जल्द रिपोर्ट आने वाली है. ऐसा कहा जाता था. लेकिन अब तक आईसीएमआर ने इस बाबत कोई भी खुलासा अथवा रिपोर्ट नहीं दी है. वह रिपोर्ट दी गई तो इस प्रकरण में और भी बहुत कुछ उजागर हो सकता है.
– आईसीएमआर जैसी संस्था इस विषय मेें अभी भी चूप बैठी होगी, तो इस क्षेत्र के नागरिकों ने किसकी तरफ देखना, ऐसा सवाल उपस्थित हो रहा है.