महाराष्ट्र

राज्य में ग्रीष्मकाल में भी अतिरिक्त बारिश हुई

मौसम विभाग की जानकारी

मुंबई/दि.१६ – इस बार वर्षाकालीन समय में बारिश औसतन से अधिक दर्ज की गई है. उसके बाद ग्रीष्मकाल में भी राज्य में निर्धारित चरण में बारिश का अनुभव हुआ. इस बार केवल वर्षाकालीन समय में ही नहीं ग्रीष्मकाल में भी अतिरिक्त बारिश हुई है. भारतीय मौसम विभाग की जानकारी के अनुसार १ मार्च से १४ अप्रैल के बीच तक राज्य के अनेक जिले में जोरदार अतिरिक्त बारिश दर्ज हुई है.
रायगड, सिंधुदुर्ग, कोल्हापुर, सांगली, सातारा, नाशिक, पुणे, सोलापुर,उस्मानाबाद, बीड, जालना, नांदेड, वर्धा, चंद्रपुर और गडचिरोली में सप्ताहभर में औसत से अधिक जोरदार बारिश दर्ज की गई. १ मार्च से १४ अप्रैल इस समय में सिंधुदुर्ग, कोल्हापुर, सांगली, सोलापुर, बीड, पुणे, नाशिक, धुले, जलगांव, बुलढाणा, वाशिम और वर्धा जिले में औसत से अधिक बारिश हुई. सातारा, उस्मानाबाद, नांदेड, परभणी, यवतमाल और नागपुर में अतिरिक्त बारिश दर्ज हुई है. इस समय में सबसे अधिक बारिश धुले जिले में हुई है. अनेक स्थानों पर १४ अप्रैल को खत्म हुए सप्ताह में बारिश ने आकडेवारी की तीव्रता बढने का स्पष्ट था. ७ अप्रैल तक सप्ताह तक धुले, जलगांव, बुलढाणा, वाशिम और वर्धा में औसत से अधिक जोरदार बारिश हुई थी. किंतु सप्ताहभर मेें अन्य जगहों पर भी जोरदार अतिरिक्त बारिश दर्ज हुई है. मुंबई और परिसर मेें अतिरिक्त बारिश दर्ज नहीं की गई. आगामी ३-४ दिनों में विदर्भ में कुछ जगह पर हल्की व मध्यम बारिश होने की संभावना मौसम विभाग ने व्यक्त की है. मराठवाडा और मध्य महाराष्ट्र में कुछ जगह पर गुरूवार को बारिश का अनुमान है.
सर्वसाधारण रूप से इस समय बारिश की एखाद या दूसरी बूंदे आती है. किंतु विगत डेढ़ महिने की कालावधि में निर्धारित दूरी पर यह बारिश तथा कुछ जगह पर गारे भी गिरे है. हर ग्रीष्मकालीन मौसम में ऐसा नहीं होता है. इस बार बारिश को गति देनेवाली प्रणाली अधिक प्रमाण में निर्माण होने से बारिश का प्रमाण बढने की जानकारी प्रादेशिक मौसम विभाग के अधिकारी शुभांगी भुते ने दी. इस बार फरवरी और मार्च में भी बारिश हुई. उसी प्रकार अप्रैल में भी बारिश हो रही है. सर्वसाधारण रूप से राज्य में ऐसी बारिश नहीं होतीे. इसके लिए उत्तर-दक्षिण द्रोणीय स्थिति, इसमें बंगाल के उपसागर में निर्माण हुए आद्र्रता इस प्रणाली की दिशा से खेची जाती है यह महत्वपूर्ण है. पश्चिमी प्रकोप सर्वसाधारण रूप से उत्तर भारत में परिणामकारक होता है. परंतु यह प्रणाली तीव्र हो तो अपने पास इन सभी का एकत्रित परिणाम के रूप में बारिश होती है. ऐसा भी उन्होंने कहा. यह बारिश लगातार नहीं हुई.१९ से २६ मार्च दौरान बारिश हुई थी.१४ से २२ फरवरी दौरान राज्य में बारिश हुई.

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