स्पर्धा परीक्षा प्रक्रिया प्रभावित रहने के लिए राज्य सरकार ही जिम्मेदार
सूचना अधिकार से समाने आयी बात
पुणे /दि.५ – सामाजिक व आर्थिक दृष्टि से पिछडे (एसईबीसी) आरक्षण को सर्वोच्च न्यायालय ने अंतरिम स्थगिती दिये जाने के बाद राज्य सरकार ने एमपीएससी की परीक्षाएं आगे के लिए टाल दी है. यह परीक्षाएं लेने के संदर्भ में व इससे पूर्व हुए परीक्षा के नतीजे, साक्षात्कार, मेडिकल जांच के संदर्भ में कार्रवाई को लेकर एमपीएससी के तीन पत्रों का राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने कोई प्रतिसाद नहीं दिया है. इसलिए एमपीएससी परीक्षा की प्रक्रिया प्रभावित होने के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार होने की बात स्पष्ट सामने आ रही है.
एमपीएससी स्टुडन्स राईट्स के महेश बडे ने दाखिल किये सूचना अधिकार के आवेदन को एमपीएससी व्दारा दिये गए जवाब से वस्तु स्थिति सामने आयी है. एमपीएससी की ओर से राज्य सेवा पूर्व परीक्षा, दुय्यम सेवा अराजपत्रित गट ब संयुक्त पूर्व, अभियांत्रिकी सेवा पूर्व परीक्षा अक्तुबर, नवंबर में ली जाने वाली थी, लेकिन एसईबीसी आरक्षण को अंतरिम स्थगिति मिलने के बाद संगठनाओं की ओर से परीक्षा लेने का विरोध जताया गया. इसलिए राज्य सरकार ने राज्य सेवा पूर्व परीक्षा पूर्व एमपीएससी की परीक्षाएं आगे बढाने का निर्णय लिया. एमपीएससी ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर परीक्षा लेने के संदर्भ में राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग को तीन पत्र भेजे. इसमें सर्वोच्च न्यायालय के आदेश अगले आने वाले विज्ञापनों में लागू रहेंगे अथवा कैसे इसे लेकर पूछताछ की गई. इसके अलावा दिसंबर 2018 के बाद प्रकाशित किये गए विज्ञापन में लिखित परीक्षा उत्तीर्ण होने वाले उम्मीदवारों की मेडिकल जांच अथवा साक्षात्कार प्रलंबित रहने से इस मामले में एसईबीसी आरक्षण को अमल में लाते समय दिसंबर 2018 के बाद हुई लिखित परीक्षा के नतीजों और अंतिम नतीजों के संदर्भ में निर्देश देने के लिए पूछताछ की गई थी. सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से इस पत्र का जवाब नहीं दिये जाने से एमपीएससी को आगे टाल दिये जाने से परीक्षा, मेडिकल जांच और साक्षात्कार की प्रक्रिया के संदर्भ में कोेई भी कार्रवाई नहीं की जा सकती यह स्पष्ट हुआ है. लंबित रहने वाले एमपीएससी की परीक्षा के लिए राज्य सरकार ही जिम्मेदार होने की बात सामने आ रही है.
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर परीक्षा मिलने के संदर्भ में कार्रवाई करने को लेकर राज्य सरकार से पत्राचार शुरु है, लेकिन अब तक इस संदर्भ में कोई भी निर्देश नहींं मिले है.
– सुनील अवताडे, सहसचिव एमपीएससी
महाविकास आघाडी सरकार युवकों के भविष्य का विचार नहीं कर रही है. राज्य के लाखों उम्मीदवार, पालक परीक्षा कब होगी, इसी चिंता में है. 8 से 9 उम्मीदवारों ने आत्महत्याएं भी कर ली है. इसलिए राज्य सरकार ने गंभीरता से विचार कर एमपीएससी की परीक्षा और प्रक्रिया के संदर्भ में कार्रवाई करने के निर्देश देने चाहिए.
– महेश बढे, एमपीएससी स्टुडन्स राईट्स