महाराष्ट्र

तीसरी लहर को रोकने राज्य ने कसी कमर

6759 अस्पताल व 12 हजार वेंटिलेटर तैयार

  • 50 लाख लोगों के संक्रमित होने की आशंका

मुंबई/दि.25 – इस समय यद्यपि कोविड संक्रमण की दूसरी लहर खत्म होने की ओर अग्रेसर है, किंतु साथ ही तीसरी लहर आने की प्रबल संभावना भी है. जिसके तहत आशंका जतायी गई है कि तीसरी लहर के दौरान करीब 50 लाख लोग इस संक्रमण की चपेट में आ सकते है. ऐसे में राज्य सरकार द्वारा 6 हजार 759 अस्पताल तथा 12 हजार वेंटिलेटर तैयार रखे गये है, ताकि संक्रमण की चपेट में आनेवालों का इलाज किया जा सके. इसके अलावा संक्रमण की लहर को रोकने हेतु भी तमाम आवश्यक कदम उठाये जा रहे है. इस विषय को लेकर शुक्रवार को मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे के समक्ष तमाम उपाययोजनाओं के संदर्भ में प्रेझेंटेशन किया गया. जिसमें बताया गया कि, संक्रमण की तीसरी लहर का सामना करने के लिए कौन-कौन सी तैयारियां करनी पडेगी.
उल्लेखनीय है कि, कोविड संक्रमण की तीसरी लहर इससे पहले आयी दूसरी लहर से कही अधिक खतरनाक हो सकती है. साथ ही इसका सर्वाधिक खतरा छोटे बच्चों के लिए हो सकता है. ऐसी आशंका स्वास्थ्य विशेषज्ञों की समिती द्वारा जतायी जा चुकी है. इसे देखते हुए राज्य सरकार को कोविड प्रतिबंधात्मक उपायों पर करोडों रूपये खर्च करने पडेेंगे. अत: सरकार द्वारा फिलहाल 893 करोड रूपयों का प्रावधान किया गया है.

  •  रेमडेसिविर सहित अन्य आवश्यक दवाओं की आपूर्ति बढाने की जरूरत

ज्ञात रहे कि, कोविड संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान रेमडेसिविर इंजेक्शन की बडे पैमाने पर किल्लत पैदा हो गई थी और इस इंजेक्शन की जमकर कालाबाजारी भी हुई थी. जिसे देखते हुए राज्य सरकार ने अभी से तमाम आवश्यक तैयारियां शुरू कर दी है. दूसरी लहर के दौरान करीब 6 लाख 90 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन प्रयोग में लाये गये थे. वहीं अब तीसरी लहर के दौरान करीब 8 लाख इंजेक्शनों की जरूरत पडेगी. इसके अलावा दूसरी लहर के दौरान टोसिलीजुमैब के 4 हजार इंजेक्शन प्रयोग में लाये गये थे. अत: तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा 10 हजार इंजेक्शन मंगाने की तैयारी की गई है. वहीं इससे पहले कोविड संक्रमित मरीजों को हैपरीन नामक इंजेक्शन के 7 लाख 20 हजार डोज प्रयुक्त किये गये और अनुमान है कि, तीसरी लहर के दौरान हैपरीन के 10 लाख इंजेक्शन की जरूरत पडेगी. वहीं पिछली बार पैरासिटामल की 1 करोड 50 लाख गोलियां प्रयुक्त की गई थी और तीसरी लहर के दौरान भी लगभग इतनी ही गोलियों की जरूरत पडेगी.

  •  बडे पैमाने पर जरूरत पडेगी ऑक्सिजन की

कोविड संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान गंभीर स्थितिवाले मरीजों को ऑक्सिजन मिलने में भी काफी तकलीफों का सामना करना पडा. औद्योगिक ईकाईयों के लिए प्रयुक्त होनेवाला पूरा ऑक्सिजन अस्पतालों को दिया गया. इसके बावजूद भी ऑक्सिजन की किल्लत दूर नहीं हुई और ऑक्सिजन नहीं मिलने की वजह से भी कई लोगों की जान गई. स्थिति यह हो गई थी कि, ट्रेन और हवाई जहाज से महाराष्ट्र में ऑक्सिजन लाना पडा. दूसरी लहर के दौरान करीब 60 हजार मेट्रिक टन ऑक्सिजन की जरूरत पडी और तीसरी लहर के दौरान करीब 90 हजार मेट्रिक टन ऑक्सिजन की जरूरत पड सकती है. ऐसी आशंका विशेषज्ञोें द्वारा जतायी गई है. जिसके मद्देनजर राज्य सरकार द्वारा तमाम आवश्यक तैयारियां शुरू की गई है और राज्य में कई स्थानों पर हवा से ऑक्सिजन तैयार करनेवाले प्लांट शुरू किये जा रहे है.

  • कोविड टेस्ट की संख्या भी बढाई जायेगी

कोविड संक्रमण की तीसरी लहर के दौरान कोरोना संदेहित मरीजों की जांच का प्रमाण बढाये जाने की सख्त आवश्यकता है. दूसरी लहर के दौरान 1 करोड आरटीपीसीआर टेस्ट तथा 70 लाख रैपीड एंटीजन टेस्ट की गई थी. वहीं अब तीसरी लहर के लिए 1 करोड 25 लाख आरटीपीसीआर टेस्ट तथा 88 लाख रैपीड एंटीजन टेस्ट कीट खरीदने की सलाह दी गई है, ताकि कोविड संक्रमण का लक्षण रहनेवाले हर एक व्यक्ति की कोविड टेस्ट की जा सके.

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