महाराष्ट्र

राज्य विधानमंडल का पावस अधिवेशन ७,८ सितंबर को

कामकाज सलाहगार समिति की बैठक में लिया निर्णय

मुंबई./दि.२६ – राज्य विधानमंडल का पावस अधिवेशन (State legislature session) ७ से ८ सितंबर तक िलिया जायेगा.यह अधिवेशन दो दिवसीय होगा. अधिवेशन में सिर्फ विधायको ही प्रवेश मिलेगा. अधिवेशन में मंत्री या विधायक के स्वीय सचिव को प्रवेश नहीं दिया जायेगा. राज्य में कोरोना की परिस्थिति को देखकर सुरक्षित अंतर व सुरक्षा के विषय को लेकर उपाय योजना कर अधिवेशन का आयोजन किया जायेगा. अधिवेशन को लेकर विधानसभा तथा विधान परिषद में कामकाज सलाहगार समिति की अलग-अलग बैठकों में मंगलवार को राज्य के मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे की उपस्थिति में निर्णय लिया गया है.
पावस अधिवेशन के पहले दिन ६ सितंबर को सभी सदस्यों कोरोना जांच की जायेगी.जिन सदस्यों की रिपोर्ट निगेटिव आयेगी उन्हीं सदस्यों को सभागृह में प्रवेश दिया जायेगा,ऐसा निर्णय सलाहगार समिति की बैठक में लिया गया है. अधिवेशन में समानांतर दूरी का ध्यान रखते हुए सदस्यों क लिए बैठने की व्यवस्था की गई है. उसी प्रकार दर्शक और विद्यार्थियों के लिए दर्शकदिर्घा में व्यवस्था की गई है.अधिवेशन में आनेवाले प्रत्येक सदस्यो को सुरक्षा कीट दी जायेगी जिसमें मॉस्क,ग्लब्स, सैनिटायजर आदि वस्तुओं का समावेश होगा.
पावस अधिवेशन में शोक प्रस्ताव पर चर्चा अतारांकित प्रश्न मांग व आपूर्ति विनियोजन विधेयक पर चर्चा की जायेगी. जिसमें ७ शासकीय विधेयको व एक विनियोजन विधेयक का समावेश है. सोशल डिस्टेसिंग का पूरी तरह से पालन पावस अधिवेशन के दौरान किया जायेगा. यह अधिवेशन दो दिन तक चलेगा. जिसमें अनेको विषय पर चर्चा की जायेगी, ऐसी जानकारी राज्य विधानसभा सचिव राजेन्द्र भागवत ने दी है.

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