महाराष्ट्र

जीएसटी की भरपाई न बढने पर राज्य को होगा 30 हजार करोड का नुकसान

टैक्स में राज्य की हिस्सेदारी 15 फीसद रहने के बावजूद हो रहा अन्याय

मुंबई/दि.29– केंद्र सरकार द्वारा यदि जारी वर्ष के जुलाई माह पश्चात जीएसटी के क्षतिपूर्ति मुआवजे की रकम को नहीं बढाया गया, तो महाराष्ट्र को वार्षिक 30 हजार करोड रूपयों का नुकसान होगा. जिसका सीधा असर राज्य के विकास कामों पर पडेगा. इस आशय की जानकारी राज्य के वित्त विभाग से वास्ता रखनेवाले एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा दी गई है.
बता दें कि, 1 जुलाई 2017 से जीएसटी प्रणाली को अमल में लाया गया था. जिसके साथ ही इस बात की गारंटी दी गई थी कि, जीएसटी कानून को अमल में लाते समय यदि पहले पांच वर्षों के दौरान राज्य को राजस्व में कोई भी नुकसान होता है, तो उसकी भरपाई करते हुए द्विमासिक पध्दति से मुआवजा दिया जायेगा. यह पांच वर्ष की कालावधी आगामी 30 जून 2022 को खत्म होने जा रही है. ऐसे में अब कई राज्यों ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन से नुकसान भरपाई की रकम को बढाये जाने की मांग करनी शुरू कर दी है. हालांकि अब तक इसे लेकर केंद्र द्वारा राज्योें को कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया गया है. वहीं दूसरी ओर महाराष्ट्र सहित देश के कई राज्यों को अलग-अलग तरह की प्राकृतिक आपदाओं व चुनौतियोें का सामना करना पड रहा है. जिसके लिए केंद्र सरकार से तत्काल सहायता निधी मिलने की जरूरत होती है, लेकिन ऐसी स्थिति में दी गई निधी को भी अन्य कामों के लिए प्रयोग में लाना पडता है. ऐसे जानकारी भी संबंधित अधिकारी द्वारा दी गई है.

* केंद्र से तत्काल मदद मिलने की जरूरत
– 46,664 करोड रूपये केंद्र को दिये
– 521 करोड रूपये केंद्र से मिले
– केंद्रीय जीएसटी प्रणाली में महाराष्ट्र की हिस्सेदारी करीब 15 फीसद है. ऐसे में यदि केंद्र सरकार द्वारा जून माह के बाद जीएसटी भरपाई प्रणाली में वृध्दि किये जाने से इन्कार किया जाता है, तो महाराष्ट्र को वार्षिक 30 हजार करोड रूपये के राजस्व का नुकसान सहन करना पड सकता है.
– केंद्र सरकार द्वारा जुलाई माह तक पैसे दिये जाते है और भुगतान में विलंब होने की वजह से काफी प्रशासकीय पेचिदगियां पैदा हो जाती है. ऐसा भी संबंधित अधिकारी द्वारा जानकारी देते समय बताया गया.

* प्रत्यक्ष कर में राज्य की हिस्सेदारी 38.3 फीसद
देश में संकलित होनेवाले कुल प्रत्यक्ष कर में महाराष्ट्र राज्य की हिस्सेदारी 38.3 फीसद रहने के बावजूद महाराष्ट्र को केंद्रीय कर में से केवल 5.5 फीसद रकम ही भरपाई के तौर पर मिलती है. साथ ही जीएसटी के 26 हजार 500 करोड रूपये केंद्र सरकार द्वारा अटकाकर रखे गये है. ऐसा आरोप दो दिन पूर्व ही मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे ने पीएम मोदी के साथ हुई ऑनलाईन मिटींग के दौरान लगाये थे.
* हर बार भरपाई देने में होता है विलंब
मुख्यमंत्री ठाकरे के मुताबिक महाराष्ट्र ने कोरोना जैसे बडे व भीषण संकट के दौरान भी केंद्र को सबसे अधिक जीएसटी उपलब्ध कराया, लेकिन इसके बावजूद जीएसटी के भरपाई के पैसे देने में केंद्र सरकार द्वारा हर बार विलंब किया गया. जिसके चलते अप्रैल 2019 से नवंबर 2021 के दौरान महाराष्ट्र के 50 हजार 374 करोड रूपये केंद्र सरकार की ओर बकाया थे.

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