निलंबित जवान ने प्रकरण में अटकाने का भय दिखाकर 20 लाख रुपए की मांगी फिरौती
मुहबोली बहन से ऐंठे 10 लाख रुपए
* पुलिस उपायुक्त के नाम का दुरुपयोग
नागपुर/दि.24– नागपुर ग्रामीण पुलिस दल से निलंबित हुए एक पुलिस जवान ने मुहबोली बहन को ही किसी प्रकरण में अटकाने का भय दिखाकर 20 लाख रुपए फिरौती की मांग की. उसने संबंधित महिला से 10 लाख रुपए भी ऐंठ लिए. लेकिन उसे संदेह होने पर यह बात प्रकाश में आई. विशेष यानी उसने इस महिला को डराने के लिए परिमंडल 2 के पुलिस उपायुक्त राहुल मदने व उसके राईटर के नाम का भी दुरुपयोग किया था. सदर पुलिस के दल ने इस जवान को गिरफ्तार कर लिया है.
गिरफ्तार किए गए आरोपी का नाम टेकानाका पुलिस क्वॉर्टर निवासी सचिन दिलीप मेश्राम है. उसकी मुहबोली बहन अजनी थाना क्षेत्र में रहती है. उसके परिचय के सोजल डुमरे को अगस्त माह में एमडी रखने के प्रकरण में गिरफ्तार किया गया था. पश्चात डुमरे को जेल रवाना कर दिया गया था. अक्तूबर माह के शुरुआत में सचिन ने उसे मिलने बुलाया और उसे एक ऑडीयो क्लिप सुनाई. उसमें एक व्यक्ति की तरफ से 4 से 5 युवतियों के नाम लिए गए और उसमें उसकी बहन का नाम भी था. उन्हें कार्यालय में लेकर आओ ऐसा संदेश सामनेवाले व्यक्ति ने उस क्लिप में दिया था. उसी रात एक बजे सचिन उसके घर पहुंचा और साहेब ने आरोपी के फोन का सीडीआर निकाला तब उसमें संबंधित महिला का नाम भी आया रहने और आरोपी बनाए जाने का दिखावा किया. यदि प्रकरण रफादफा करना हो तो 20 लाख रुपए साहेब ने मांगे है. पुलिस उपायुक्त के राईटर सचिन मुले के साथ बातचीत होने का दावा भी सचिन मेश्राम ने किया. 12 लाख में डिलिंग होंगी, ऐसा उसने महिला को बताया. वह भयभीत होने से उसने पैसे देने की तैयारी दर्शायी. 9 अक्तूबर को सुबह 6 बजे सचिन मुले के नाम से कोई अन्य व्यक्ति उसे मानेवाडा चौराहे पर मिला. उसी दिन दोपहर में संबंधित महिला ने सचिन को कलमना परिसर में 5 लाख रुपए दिए. शेष रकम 4-5 दिनों में देने की बात कही. 18 अक्तूबर को हाईकोर्ट परिसर में उसने सचिन को और 5 लाख रुपए दिए और उसने उसे सीडीआर की कॉपी दी. 22 अक्तूबर को शेष रकम देना निश्चित हुआ. लेकिन 2 लाख रुपए का जुगाड नहीं हो पा रहा था. सचिन ने उपायुक्त की तरफ से कार्रवाई होगी, ऐसा डर दिखाते हुए जल्द पैसे देनेबाबत दबाव डाला. 21 अक्तूबर को उसने फिर से महिला को फोन किया. लेकिन उसे संदेह हुआ और वह सदर पुलिस स्टेशन पहुंच गई. वहां उसने आपबिती सुनाई. पुलिस ने पश्चात जाल बिछाकर और हाईकोर्ट परिसर में उससे 2 लाख रुपए लेते हुए सचिन मेश्राम को रंगेहाथ पकड लिया. पुलिस ने सचिन और उसके साथी के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
* दूसरा आरोपी कौन?
सचिन ने मदने के राईटर का नाम लेकर महिला की दिशाभूल की. प्रत्यक्ष में मानेवाडा चौक में मिलनेवाला व्यक्ति मुले नहीं था. सहयोगी आरोपी कौन था, इस बाबत सचिन मेश्राम ने टालमटोल जवाब दिए. लेकिन उसका पता जल्द चलेगा, ऐसा सदर के थानेदार मनीष ठाकरे ने कहा.