* जनहित के निर्णय पर जोर
* भाजपा ने महाविकास आघाड़ी पर 160 प्रस्ताव मंजूर करने का आरोप
* किसानों को फसल कर्ज की रकम पर 50 हजार प्रोत्साहन
* कोविड काल में नियमों के उल्लंघन मामले दाखल किए गए अपराध पीछे
मुंबई/दि.25– महाविकास आघाड़ी की प्रमुख पार्टी शिवसेना में … निर्माण होने के बाद राज्य सरकार पर लटकती तलवार है. भाजपा ने इस अवसर को साधते हुए महाविकास आघाड़ी पर जल्दबाजी में करोड़ो के 160 प्रस्ताव मंजूर करने का आरोप लिया. मात्र सरकार की कामगरी पर प्रकाश डालने पर गत दो दिनों में जनहित के निर्णय पर जोर दिये जाते दिखाई दे रही है.
विधान परिषद के चुनाव के बाद एकनाथ शिंदे ने सुरत पहुंचकर बगावत पुकारा. शिवसेना नेतृत्व उद्धव ठाकरे को आव्हान दिया. वहीं सभी विधायकों को गले लगाकर स्वतंत्र गट तैयार करने की हलचलें शुरु की. बड़े पैमाने पर विधायक एकनाथ शिंदे गट में जाने से कम वोट मिले. सरकार को बचाने के लिए महाविकास आघाड़ी के राष्ट्रवादी कांग्रेस व कांग्रेस ने शिवसेना को विशेषतः मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को समर्थन घोषित किया. राजनीतिक वातावरण कलुषित होने पर राज्यमंत्रिमंडल की बैठक आयोजित की गई. इस पर भाजपा ने आक्षेप लेते हुए दो दिनों में 160 प्रस्ताव मंजूर किये जाने का आरोप किया है.
* प्रत्यक्ष में 130 प्रस्ताव मंजूर
महाविकास आघाड़ी ने गत दो दिनों में 130 प्रस्ताव मंजूर किए है. किसानों को अल्पमुदत फसल कर्ज की रकम पर 50 हजार रुपए का प्रोत्साहन, कोविड काल के नियमों के उल्लंघन मामले दाखल किया गया गुनाह पीछे लेने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. भविष्य में पानी की होने वाली किल्लत को ध्यान में रखते हुए जलसिंचन प्रकल्प बनाने, कोविड काल में स्वास्थ्य विभाग का बोजा व बारिश के दिनों में होने वाले संसर्ग रोग के लिए सक्षम वैद्यकीय सेवा-सुविधा करने हेतु मंजूरी दी गई है. नगरविकास विभाग मार्फत बालासाहब ठाकरे स्मारक बनाने, शालेय विद्यार्थियों के लिए शैक्षणिक मदद की गई है. साथ ही सर्वाधिक स्वास्थ्य, कृषि, घर-घर में नल जलापूर्ति, मृदू व जल संधारण, जलसंपदा विभाग, नगरविकास विभाग के प्रस्ताव मंजूर किए हैं.
* अजित पवार का भाजपा की टिप्पणी को प्रत्युत्तर
महाविकास आघाड़ी सरकार गिरने वाली है, यह ध्यान में आते ही आघाड़ी सरकार ने दो दिन में 160 निर्णय लिये है. इनमें से बड़े पैमाने पर निधि देने का प्रयास किये जाने का आरोप विरोधियों द्वारा किया जा रहा है. इस आरोप का खंडन उपमुख्यमंत्री व अर्थमंत्री अजित पवार ने किया है. सरकार अब भी अस्तित्व में है. अर्थमंत्री के रुप में हमने इस वर्ष बजट प्रस्तुत किया था. जिसके अनुसार बचत खाते को इसका निधि वितरित किया जाता है.उस विभाग के मंत्री अपने अधिकार के अनुसार निर्णय लेते हैं. जिसके अनुसार ही प्रत्येक विभाग के मंत्रियों ने अपने विभाग बाबत के अधिकार इस्तेमाल करने का निर्णय लिया है. कुछ विधायकों ने बगावत की है फिर भी मंत्रिमंडल अब भी साबूत है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उपमुख्यमंत्री अजित पवार, गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटील, शालेय शिक्षण मंत्री वर्षा गायकवाड़ ऐसे सभी इच्छा होने पर वे अपने विभाग का निर्णय लेने का स्पष्टीकरण विरोधियों के आरोप पर अजित पवार ने दिया है. यशवंतराव चव्हाण सेंटर में प्रसारमाध्यमों से संवाद साधते हुए उनके द्वारा यह स्पष्टीकरण दिया गया है.