कपडा मिलें सौर ऊर्जा पर चलने से बचेंगे सरकार के 2200 करोड
ऊर्जा विभाग ने रखी एक मेगावॉट इस्तेमाल की शर्त
मुंबई/दि.25 – राज्य सरकार चाहती है कि अगले तीन वर्षों के भीतर राज्य की कपडा मिलें सौर ऊर्जा पर चले. इसके लिए ऊर्जा विभाग का शासनादेश रुकावट पैदा कर रहा है. ऊर्जा विभाग ने मिलों को सिर्फ एक मेगावॉट सोर ऊर्जा के इस्तेमाल की अनुमति दी है. जबकि मिल मालिक का कहना है कि इससे हर रोज सिर्फ ढाई घंटे ही उत्पादन हो सकेगा. हालांकि राज्य की कपडा मिलों के सौर ऊर्जा पर चलने से सरकार की ओर से दी जाने वाली सब्सिडी में 2200 करोड रुपए की बचत हो सकेगी. वस्त्रोद्योग विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सरकार की योजना है कि अगले तीन वर्षों के दौरान राज्य की कपडा मिलो को सौर ऊर्जा से चलाया जाए. इससे बिजली सब्सिडी के तौर पर सरकार की तरफ से खर्च की जाने वाले 2200 करोड रुपए की राशि की बचत हो सकेगी. इसके लिए कपडा मिलों को सौर ऊर्जा पर चलाने में ऊर्जा विभाग की एक शर्त रुकावट पैदा कर रही है. महाराष्ट्र राज्य सूत मिल महासंघ के अध्यक्ष अशोक स्वामी ने बताया कि ऊर्जा विभाग का कहना है कि कपडा मिल केवल एक मेगावॉट सौर ऊर्जा का इस्तेमाल करें. इससे हमारी मिले हर रोज सिर्फ दो से ढाई घंटे ही चल सकेंगी. इसलिए हमने सरकार के समाने मांग रखी है कि एक मेगावॉट की शर्त नहीं होनी चाहिए. हमें कम से कम ढाई मेगावॉट के सौर ऊर्जा प्लांट लगाने की अनुमति मिलनी चाहिए. साथ ही सौर ऊर्जा प्लांट लगाने पर होने वाले खर्च के लिए भी सरकार हमारी मदद करे. स्वामी ने कहा कि राज्य सरकार ने यदि हमारी यह मांग नहीं मानी तो हम अपनी मांग को लेकर महाराष्ट्र राज्य विद्युत नियामक आयोग (एमईआरसी) के पास जाएंगे. स्वामी ने बताया कि एक उत्पादन इकाई के लिए हर महीने 11 लाख यूनिट बिजली की जरुरत होती है.
- महाराष्ट्र राज्य सूत मिल महासंघ के पदाधिकारियों के साथ उपमुख्यमंत्री अजित पवार की मौजूदगी में बैठक हुई थी. महासंघ की मांग पर सरकार विचार कर रही है. इस बारे में जल्द फैसला लिया जाएगा.
– पराग जैन, प्रमुख सचिव, वस्त्रोद्योग विभाग