महाराष्ट्र

तबादला हुए शिक्षक 31 मई तक हाजिर हो!

राज्य शासन का आदेश, संभ्रम दूर हुआ

मुंबई दि.27– प्राथमिक शिक्षकों की नई नीति के मुताबिक तबादला हुए शिक्षकों को आगामी 15 मई तक पुरानी शाला छोडने कहा गया है. पश्चात नई शालाओं पर कार्यरत होने के लिए सभी शिक्षकों को 31 मई की अंतिम तिथि दी गई है. इस कारण इस बार हुए शिक्षकों के तबादलें रद्द नहीं होने की बात स्पष्ट हुई है परिणामस्वरुप तबादले बाबत का संभ्रम दूर हुआ है.
कोरोनामहामारी, शिक्षकों के तबादलों की नई नीति पर अमल और तबादलों के लिए विकसित की गई नई संगणकीय प्रणाली के कारण पिछले 3 साल से प्राथमिक शिक्षकों के जिला अंतर्गत और आंतरजिला तबादले नहीं हुए थे. तबादले बाबत की नई नीति के मुताबिक इस बार पहली दफा जिला अंतर्गत तबादलों की प्रक्रिया पूर्ण की गई है.
तत्कालीन ग्राम विकास मंत्री व्दारा तबादलों की नई नीति 27 फरवरी 2017 को लाई गई थी. इस नीति के मुताबिक एक ही शाला में कम से कम 5 वर्ष काम किए शिक्षकों को इस तबादला प्रक्रिया में शामिल किया गया था. राज्यस्तर पर ऑनलाइन प्रणाली से स्थानांतरण प्रक्रिया चलाई गई थी. इस निर्णय को सैकडों शिक्षकों ने अदालत में चुनौती दी थी. इस दौरान राज्य में सत्ता परिवर्तन हुआ. नई महाविकास आघाडी सरकार ने शिक्षक तबादलों की जूनी नीति बदलकर शिक्षकों के लिए लाभदायक साबित होनेवाली नई नीति अमल में लाई. अब इस नई तबादला नीति के मुताबिक यह तबादले हुए है.

* शिक्षकों का कडा विरोध
शिक्षकों की तबादले की प्रक्रिया शुरु रहने ने अनेक शिक्षकों को आंतरजिला तबादलों से अपने-अपने मूल जिले की शालाओं पर जाते आ सकता है. इसके अलावा नौकरी के अंतिम चरण में अपने-अपने गांव के पास जाने का अवसर इस तबादला प्रक्रिया के माध्यम से मिलता है. साथ ही पहाडी, बहुल और अति बहुल इलाकों की शालाओं पर कार्यरत रहे शिक्षकों को सुगम इलाकों की शालाओं पर नियुक्ति लेते आ सकती है. लेकिन राज्य सरकार ने यह तबादले ही यदि कायमस्वरुप रद्द किए तो इससे शिक्षकों को बेवजह परेशानी होनेवाली है. इस कारण शिक्षकों के तबादले कायमस्वरुप रद्द करने में शिक्षकों का कडा विरोध रहने की बात अनेक शिक्षकों ने अपना नाम न छापने की शर्त पर कही.

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