महाराष्ट्र

आगामी अधिवेशन तक होगा विधानमंडल का कामकाज पेपरलेस

महाराष्ट्र विधानमंडल और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र के बीच जनवरी मेेंं होगा सामंजस्य करार

मुंबई/दि.2 – राष्ट्रीय ई-विधान प्रणाली के तहत अब महाराष्ट्र विधानमंडल के दोनों सदन आगामी वर्ष के मानसून अधिवेशन तक डिजिटल बन जाएंगे. इससे दोनों सदनों का कामकाज पेपरलेस ( कागज रहित) हो सकेगा. सदन की कार्यवाही के लिए कागज का इस्तेमाल धीरे-धीरे बंद हो जाएगा. राष्ट्रीय ई-विधान प्रणाली लागू करने के लिए महाराष्ट्र विधानमंडल और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) के बीच जनवरी माह में सामंजस्य करार (एमओयू) होगा.
विधानमंडल सचिवालय के एक अधिकारी ने कहा कि, महाराष्ट्र विधानमंडल में राष्ट्रीय ई-विधान एप्लिकेशन के उपयोग के लिए फिलहाल प्रशिक्षण के तीन दौर पूरे हो चुके है. राष्ट्रीय ई-विधान एप्लिकेशन लागू होने के बाद सदन के कामकाज में कागज का इस्तेमाल बंद हो जाएगा. विधायकों को अधिवेशन के दरमियान सदन के कामकाज की कार्यसूची, विधेयक, ध्यानाकर्षण प्रस्ताव, तारांकित व अतारांकित प्रश्न और उत्तर समेत अन्य प्रस्तावों की जानकारी लैपटॉप पर ही ऑनलाइन मिल सकेगी. ई-विधान एप्लिकेशन को मोबाइल एप और कम्प्यूटर पर ब्राउजर लिंक के जरिये इस्तेमाल किया जा सकेगा. राष्ट्रीय ई-विधान प्रणाली से महाराष्ट्र विधानमंडल को जोडने के लिए विधानसभा और विधान परिषद के लिए अलग-अलग वेबसाइड तैयार की जा रही है. अधिकारी ने बताया कि महाराष्ट्र विधानमंडल के दोनों सदनों के सदस्यों को लैपटॉप पहले ही उपलब्ध करा दिए गए हैं. इसलिए राज्य सरकार को राष्ट्रीय ई-विधान एप्लिकेशन लागू करने के लिए केवल मानव संसाधन पर लगभग हर माह 5 लाख रुपए खर्च करने पडेंगे. राष्ट्रीय ई-विधान एप्लिकेशन संचालित करने के लिए एनआईसी की ओर से कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी, मगर उनका वेतन राज्य सरकार को देना पडेगा.
फिलहाल विधानमंडल सत्र के दौरान प्रश्नकाल के लिए विधायकों से ऑनलाइन सवाल मंगाए जाते है. जिसके बाद प्रश्नकाल के लिए हर दिन प्रश्न-उत्तर पुस्तिका प्रिंट की जाती है, लेकिन ई-विधान एप्लिकेशन लागू होने के बाद प्रश्नकाल, ध्यानाकर्षण प्रस्ताव, विधेयक समेत अन्य प्रस्तावों की प्रति की प्रिंटिंग पूरी तरह बंद हो जाएगी. इससे हर सत्र में कागज और प्रिंटिंग पर होने वाले खर्च में लाखों रुपए बचेंगे. अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय-ई-विधान एप्लिकेशन के इस्तेमाल के लिए विधायकों और उनके निजी सहायकों (पीए) को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा. केंद्र सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना मंत्रालय के तहत कार्यरत एनआईसी ने राष्ट्रीय ई-विधान एप को विकसित किया गया है. राष्ट्रीय ई-विधान एप्लिकेशन का उद्देश्य विधानमंडल को डिजिटल बनाने का है. इससे पहले विगत हफ्ते में राष्ट्रीय ई-विधान प्रणाली के तहत बिहार विधान परिषद के डिजिटल स्वरुप का उद्घाटन किया गया था. देश में अभी तक बिहार, पंजाब, ओडिशा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड आदि राज्यों ने राष्ट्रीय ई-विधान एप प्रणाली को लागू करने का निर्णय लिया है.

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