* कट्टरता की दीवारें तोड एक भारत बनाना हमारा कर्तव्य
पुणे/दि. 5- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि संपूर्ण विश्व को भारत की आवश्कता है. हमारी ज्ञान तथा विज्ञान की परंपरा है. यही ज्ञान हमें दुनिया को देना है. कट्टरता की सभी दीवारे तोडकर एक संघ, एक रस, सुखी, सुंदर भारत बनाना हम सभी का कर्तव्य है. श्रीक्षेत्र आलंदी में गीता भक्ति अमृत महोत्सव कार्यक्रम का डॉ. भागवत के हस्ते श्रीगणेश हुआ. यह आयोजन स्वामी गोविंददेव गिरि महाराज के सम्मान में हो रहा है.
मंच पर स्वामी राजेंद्रदास महाराज, संघ के भैयाजी जोशी, सदानंद महाराज, मारोती बाबा कुरेकर महाराज, लोकेश मुनी, प्रणवानंद महाराज विराजमान थे. डॉ. भागवत ने कहा कि शाश्वत मूल्यों का जतन और आचरण करना, सभी संत, महंतों के योगदान महत्वपूर्ण है. विविध संत, महंत एकत्रित आकर यहां प्रबोधन कर रहे हैं, यही अमृत योग है.
डॉ. भागवत ने कहा कि अयोध्या में गत 22 जनवरी को श्रीरामलला विराजमान हो गए. जो-जो मंगल हो रहा है, वह ईश्वर की इच्छा है. देश के महापुरुषों, संत, महात्माओं के सामर्थ्य तथा पुरुषार्थ से यह संभव हुआ है. यह नियति की योजना है. जो लोग निद्रालीन है, उन्हें जगाने क ेलिए संत सदैव सतत प्रयत्न करते हैं. ज्ञान का अनुसंधान करने वाले ऋषी होते हैं.