राज्य की 26 हजार आंगनवाडियों में शौचालय नहीं!

मुंबई/दि.1-स्वास्थ्य, शिक्षा और पोषण के त्रिउद्देश्य को प्राप्त करने में आंगनवाडियां एक महत्वपूर्ण कडी हैं. हालांकि, चौंकाने वाली जानकारी सामने आयी है कि राज्य के 1 लाख 10 हजार 590 आंगनवाडियों में से 26,321 आंगनवाडियों में अभी भी शौचालय नहीं हैं. गर्भवती, स्तनदा माताओं तथा छह माह से छह वर्ष तक के बच्चों को आंगनवाडी की विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित किया जाता है. हालांकि, यदि इन योजनाओं को उपलब्ध कराते समय शौचालय, पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई गईं तो स्वास्थ्य, शिक्षा और पोषण के मुख्य उद्देश्य पूरे नहीं होंगे.
मुंबई में आंगनवाडी चलाते समय जगह की उपलब्धता एक बहुत ही गंभीर मुद्दा है, मालिकों द्वारा यह सवाल उठाया जाता है कि एक कमरे की आंगनवाडी के लिए शौचालय कैसे प्रदान किया जाए. इसलिए जहां भी जगह मिलती है, वहां दो से ढाई हजार रुपये किराया देकर आंगनवाडियां चलायी जाती हैं. आंगनवाडी केंद्र का परिसर स्वच्छ होनी चाहिए, वहां शौचालय की उपलब्धता की मांग कई वर्षों से की जा रही है. कई स्थानों पर कक्षाएं चबुतरे पर चलाई जाती है. बस्ती, चॉल जैसे इलाकों में बच्चों की संख्या अधिक होने से वहां बच्चे उस कक्षा के बाहर बैठे दिखाई देते है. एकात्मिक बाल विकास सेवा योजना के तहत मिली जानकारी के मुताबिक, हालांकि यह संख्या 26 हजार है, लेकिन राज्य की आंगनवाडी कर्मचारियों ने संभावना जताई है कि कम से कम छह से साढे सात हजार शौचालयों में पानी और बिजली नहीं होगी.
* उसका ऑडिट कब होता है?
राज्य में कितनी आंगनवाडियां हैं, उनमें पोषण कैसे उपलब्ध कराया जाता है, इसका विश्लेषण स्वास्थ्य की दृष्टि से किया जाता है. हालांकि, स्वास्थ्य से जुडे शौचालय और पानी को गंभीरता से लिया जाता है या नहीं, यह भी एक प्रमुख मुद्दा है. इसलिए, समय-समय पर इन आंगनवाडियों के साथ-साथ उनकी सुविधाओं का ऑडिट करने की आवश्यकता है.