सोने के जेवरात के लिए हॉलमार्क की अनिवार्यता पर रोक नहीं
उपभोक्ताओं की सुरक्षा जरूरी-हाईकोर्ट
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जिन जिलों में केन्द्र नहीं वहां सरकार केन्द्र उपलब्ध कराए
मुंबई/ दि.२९ – बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को सोने के गहने पर हॉलमार्क की अनिवार्यता से जुडे आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. हाईकोर्ट साफ किया कि उपभोक्ताओं की सुरक्षा व अनुचित व्यापार व्यवहार को रोकने के लिए हॉलमार्क जरूरी है.
अवकाशकालीन न्यायमूर्ति एस जे काथावाला व न्यायमूर्ति एसपी तावडे ने कहा कि केन्द्र सरकार को हॉलमार्क की अनिवार्यता से जुडे आदेश को लागू करने के लिए पर्याप्त हॉलमॉर्क केन्द्र व इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना चाहिए था. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इसलिए ज्वेलर्स को कडी कार्रवाई ेसे राहत प्रदान की जाती है. किंतु ज्वलेर्स यह कोशिश करें जहां हॉलमार्क केन्द्र है. वहां से गहनों में हॉलमार्क लगवाएं. खंडपीठ ने इस मामले में सरकार को हलफनामा दायर कर स्पष्ट करने को कहा है कि वह कब तक महाराष्ट्र के उन जिलो में हॉलमार्क केन्द्र उपलब्ध कराएगा जहां ऐसे केन्द्र नहीं है. खंडपीठ ने फिलहाल इस मामले की सुनवाई२९ जून २०२१ तक के लिए स्थगित कर दी है.
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देश के ७४१ जिले में से सिर्फ २३६ जिले में हॉलमार्क केन्द्र
इससे पहले याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल अंतुडकर ने खंडपीठ को बताया कि देशभर में स्थित ७४१ जिलो में से २३६ जिलों में ही हॉलमार्क केन्द्र है. जबकि महाराष्ट्र के ३६ में से १४ जिले में हॉलमार्क केन्द्र नहीं है. बुलढाणा, भंडारा व बीड में एक भी हॉलमार्क केन्द्र नहीं है. जबकि इन इलाको में तीन हजार से अधिक ज्वेलर्स है. ऐसे में हॉलमार्क केन्द्र के अभाव को देखते हुए ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्स (बीआईएस)की ओर से जारी किए गये आदेश पर रोक लगाई जाए. पुणे सर्राफ एसो. ने इस बारे में हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. याचिका में इस विषय पर जारी की गई१४ जून २०१८ को जारी अधिसूचना व बीआईएस के आदेश को चुनौती दी है.
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ठगी से बचाने अनिवार्य किया हॉलमार्क
वहीं बीआईएस की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता अर्श मिश्रा ने कहा कि हॉलमार्क की अनिवार्यता का आदेश अधिक सुधार से जुडा है. इसके अलावा उपभोक्ताओंं को ज्वेलर्स की ठगी से बचाने के लिए केन्द्र सरकार के उपभोक्ता विभाग ने हॉलमार्क का निर्णय लिया है. बीआईएस ने आदेश जारी किया है. जिसके तहत हालमार्क से जुडे नियम का पालन न करने पर एक साल की सजा का प्रावधान है. इसके अलावा ज्वेलर्स को किसी भी जिले के हॉलमॉर्क केन्द्र में जाकर हॉलमार्क हासिल करने की छूट है. उन्होंने कहा कि जैसे ही कोरोना नियंत्रण के बाद स्थिति सामान्य होगी वैसे ही हॉलमार्क केन्द्र स्थापित करने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे.