डिब्बे बदलने से कोई फायदा नहीं, पूरा इंजन ही खराब है
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले ने साधा निशाना
पुणे/दि.१० – केंद्र सरकार ने मंत्रियों को बदल दिया है. लेकिन डिब्बे बदलकर कोई उपयोग नहीं होगा. इंजन ही पूरा खराब है. इस इंजन को हटाने की जरुरत है. इस बात का निशाना कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले ने साधा है. पुणे के कांगे्रस भवन में मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए पटोले ने कहा कि, भाजपा की संस्कृति झूठ बोलने की है. मोदी सत्ता पर आये वह भी झूठ बोलकर. विधानसभा के विपक्ष नेता भी पूरी तरह से झूठ बोल रहे है. एक तरफ गालिगलोच करने पर माफी मांगते है वहीं दूसरी ओर गालिया नहीं देने की बात कह रहे है. पटोले ने कहा कि, कांगे्रस में नेतृत्व का मुद्दा नहीं है. अंदरुनी लोकशाही है. अब सभी को राहुल गांधी सही नजर आ रहे है. नोटबंदी, जीएसटी, कोरोना को लेकर राहुल गांधी ने जो भी बयान दिये वह बयान अब देशवासियों को सही लगने लगे है. देश में बदलाव होने का यही एक संकेत है. पटोले ने कहा कि, भाजपा देश को बर्बाद करने पर तुली है. भाजपा ने सभी व्यवस्थाओं को तोड मरोडने का काम किया है. सत्ता पर आने के बाद से ही वे गलत नीतियां अमल मेें ला रही है. देशवासियों को भी अब इस बारे में समझ आ रहा है. कांगे्रस का आंदोलन जनताओं को परेशानियों से मुक्त करने के लिए है.
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ईडी, सीबीआई को कचरा बना दिया
केंद्र सरकार ने सहकार मंत्रालय बनाया है. लेकिन उसका उद्देश्य क्या है, यह बताया नहीं जा सकता. राज्य में शक्कर कारखानों की जांच में चंद्रकांत पाटील ने नितीन गडकरी के करखानों का नाम डाला है. यह काफी हटके है. ईडी, सीबीआई जैसी देश की महत्वपूर्ण संस्थाओं को मोदी ने चिल्लर बना दिया है. वे क्या करेंगे यह बताया नहीं जा सकता. इसलिए भाजपा को छोडा है. वहां पर कोई भी स्वायतता नहीं है. राज्य मेें भी भाजपा में गये अनेक कार्यकर्ता वापस लौटेंगे.
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इंजन का प्रॉबलम कांग्रेस में- फडणवीस
पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष नेता देवेंद्र फडणवीस ने पटोले के बयान पर जवाब देते हुए कहा कि, इंजन का प्रॉबलम कांग्रेस में ही है. कांग्रेस को देश और राज्य दोनों जगहों पर समस्या है. पटोले ने कांग्रेस को लेकर ही अपना बयान दिया होगा. उन्होंने कहा कि, आगामी फरवरी माह में मनपा, जिप के चुनाव होने वाले है. तब तक राज्य सरकार को ओबीसी आरक्षण पर केवल टाइमपास करना है. भाजपा सरकार के दौर में केंद्र सरकार के पास सेंसस डेटा मांगा गया था. जिसका अध्यादेश निकालने के बाद 5 जिलों का आरक्षण बचाया गया. लेकिन राज्य सरकार ने बीते 13 दिसंबर से 4 मार्च 2021 के दरम्यान पिछडा आयोग की नियुक्ति क्या नहीं की. इम पैरिकल डाटा जमा क्यों हीं किया गया. सरकार ने केवल आदेश लेकर रिपोर्ट दी होती तो, ओबीसी आरक्षण रद्द नहीं होता. राज्य सरकार लोकतंत्र का गला घोटने का काम कर रही है. स्वप्नील लोणकर की आत्महत्या के बाद उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने 31 जुलाई तक सभी जगह भरने की घोषणा विधि मंडल में की. उसके बाद एमपीएससी के सदस्यों ने भी जगह भरें जाने की जानकारी दी. इससे पता चलता है कि, राज्य सरकार इस विषय पर गंभीर नहीं है. धनगर आरक्षण के लिए कैबिनेट की पहली बैठक में निर्णय लिया जाना था. लेकिन कांग्रेस राष्ट्रवादी सरकार ने धनगर आरक्षण को लेकर नाकारात्मक रिपोर्ट भेजी. लेकिन हमने उसमें भी राजनीति नहीं की. सरकार ने समाज के हित में उच्च न्यायालय में हलफनामा शपथ पत्र पेश किया था.