महाराष्ट्र

राज्य मंत्रिमंडल में हो सकता है फेरबदल

देसाई को प्रत्याशी नहीं बनाए जाने से सेना के दो मंत्री पद रिक्त

* राकांपा का भी एक मंत्री पद रिक्त, नए चेहरों को मिलेगा मौका
मुंबई/दि.9- शिवसेना के वरिष्ठ नेता तथा राज्य के उद्योगमंत्री सुभाष देसाई को शिवसेना द्वारा विधान परिषद के लिए अपना प्रत्याशी नहीं बनाया गया. जिसके चलते अब उनके मंत्री पद पर बने रहने पर सवालिया निशान लग गया है. वहीं पूर्व वनमंत्री संजय राठौड द्वारा दिए गए इस्तीफे के चलते शिवसेना के कोटे में एक मंत्री पद पहले ही रिक्त पड़ा है. इसके अलावा पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के इस्तीफे की वजह से राकांपा के कोटे में भी एक मंत्री पद रिक्त है. ऐसे में बहुत जल्द राज्य मंत्रिमंडल में फेरबदल किए जाने की संभावना बनती दिखाई दे रही है.
उल्लेखनीय है कि आगामी 7 जुलाई को सुभाष देसाई की विधान परिषद सदस्यता खत्म होने जा रही है. हालांकि इसके बाद भी वे छह माह तक मंत्री पद पर रह सकते हैं. लेकिन इसके बाद मंत्री पद पर बने रहने के लिए उनके समक्ष दो पर्याय रहेंगे. जिसके तहत उन्हें या तो दोबारा किसी भी एक सदन का सदस्य निर्वाचित होना होगा या फिर मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद दोबारा नए सिरे से मंत्री पद की शपथ लेनी होगी. इससे पहले कांग्रेस-राकांपा आघाड़ी सरकार के दौरान राकांपा के कोटे से राज्यमंत्री रहने वाले फौजिया खान के संदर्भ में ऐसा किया गया था, लेकिन देसाई के मामले में शिवसेना द्वारा ऐसी भूमिका अपनाए जाने की कोई संभावना नहीं है. क्योंकि यदि उन्हें मंत्री पद पर कायम रखना होता तो पार्टी द्वारा उन्हें विधान परिषद में दोबारा मौका दिया गया होता. ऐसा कई राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है.
उल्लेखनीय है कि टिकटॉक स्टार पूजा चव्हाण की आत्महत्या मामले के बाद तत्कालीन वनमंत्री संजय राठौड़ को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था. शिवसेना के वरिष्ठ विधायक रहने वाले संजय राठौड़ अब दोबारा मंत्री पद मिलने की प्रतीक्षा में हैं. यदि विभागीय संतुलन का विचार किया जाए तो इस समय विदर्भ क्षेत्र में शिवसेना का कोई मंत्री नहीं है.

राकांपा में भी हो सकता है उलटफेर
मनी लॉन्ड्री के मामले में फंसने के बाद अनिल देशमुख द्वारा गृहमंत्री पद से इस्तीफा दिया गया. जिसके पश्चात दिलीप वलसे पाटील को गृहमंत्री पद का जिम्मा सौंपा गया.
वलसे पाटील के पास इससे पहले रहने वाले आबकारी शुल्क विभाग को उपमुख्यमंत्री अजित पवार तथा कामगार विभाग को हसन मुश्रीफ को सौंपा गया.
राकांपा के कोटे से मंत्री रहने वाले नवाब मलिक इस समय जेल में हैं. हालांकि इसके बावजूद वे बिना विभाग वाले मंत्री बने हुए हैं. उनके पास रहने वाले अल्पसंख्यक विभाग को गृहनिर्माण मंत्री जितेन्द्र ्रआव्हाड तथा कौशल्य विकास विभाग को सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे के हवाले किया गया है.
नवाब मलिक को आगे भी मंत्री पद पर कायम रखा जाएगा या नहीं, इसे लेकर काफी हद तक संभ्रम देखा जा रहा है. संभावना है कि नवाब मलिक के स्थान पर राकांपा द्वारा बहुत जल्द किसी नए चेहरे को मौका दिया जा सकता है.

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