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महाविकास आघाडी में पडी फूट

ठाकरे गुट ने मनपा चुनाव अपने दम को लडने का किया ऐलान

* सांसद संजय राउत ने सभी मनपा क्षेत्रों में पार्टीजनों को जारी किया काम पर लगने का आदेश
मुंबई /दि.11– विधानसभा चुनाव में मिली असफलता के बाद अब महाविकास आघाडी के घटकदलों के बीच जमकर खटपट होनी शुरु हो गई है. क्योंकि विगत कुछ दिनों से मविआ में शामिल तीनों घटक दलों के नेता एक दूसरे को लेकर जबर्दस्त आरोप प्रत्यारोप लगा रहे है. वहीं अब शिवसेना उबाठा की ओर से खुला ऐलान कर दिया है कि, अब चाहे जो हो जाये, लेकिन शिवसेना उबाठा द्वारा मुंबई सहित राज्य की सभी महानगरपालिकाओं के चुनाव अपने अकेले के दम पर लडे जाएंगे तथा हर महानगरपालिका की प्रत्येक सीट पर शिवसेना उबाठा द्वारा अपने प्रत्याशी खडे किये जाएंगे. जिसका सीधा मतलब है कि, अब महाविकास आघाडी में स्पष्ट रुप से फुट पड चुकी है तथा जैसे-जैसे मनपा सहित स्थानीय स्वायत्त निकायों के चुनाव नजदीक जाएंगे, वैसे-वैसे मविआ के घटक दलों के बीच दरार और भी बडी होती चली जाएगी.
बता दें कि, शिवसेना उबाठा के नेता व सांसद संजय राउत ने कुछ दिन पहले ही मनपा चुनाव अपने दम पर लडने का संकेत दिया था. वहीं मुंबई मनपा चुनाव के मद्देनजर शिवसेना उबाठा के पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कुछ दिन पहले ही पार्टी पदाधिकारियों की बैठक लेते हुए सभी को अभी से ही काम पर लगने का आदेश जारी किया था. वहीं अब आज शनिवार 11 जनवरी को सांसद संजय राउत ने मीडिया के साथ बातचीत में स्पष्ट रुप से घोषणा ही कर डाली कि, मुंबई से लेकर नागपुर तक सभी महानगरपालिकाओं के चुनाव शिवसेना उबाठा द्वारा अपने खुद के दम पर लडे जाएंगे. इसका परिणाम चाहे जो हो, लेकिन हमें एक बार अपनी ताकत को आजमाना ही है. सांसद संजय राउत ने यह भी कहा कि, गठबंधन और विधानसभा चुनाव में प्रत्येक कार्यकर्ताओं को चुनाव लडने का अवसर नहीं मिलता, जिसका नुकसान पार्टी के संगठन व विस्तार पर होता है. ऐसे में महानगरपालिका, जिला परिषद व नगर पंचायत के चुनाव अपने दम पर लडते हुए हर एक को अपनी-अपनी पार्टी मजबूत करनी पडती है.

* जल्दबाजी में लिया गया निर्णय
मविआ में शामिल शिवसेना उबाठा की ओर से की गई घोषणा के संदर्भ में प्रतिक्रिया देते हुए शरद पवार गुट वाली राकांपा के नेता जीतेंद्र आव्हाड द्वारा कहा गया कि, शिवसेना उबाठा द्वारा लिया गया, यह निर्णय जल्दबाजी से भरा फैसला है. लेकिन कोई किसी पर अपने साथ रहने की जबर्दस्ती भी नहीं कर सकता. आव्हाड के मुताबिक गठबंधन के तहत कार्यकर्ताओं या किसी विशिष्ट पार्टी को मौका नहीं मिलता, ऐसा भी नहीं है. क्योंकि तब गठबंधन की सफलता के लिए काम करना पडता है. वोटों के विभाजन का परिणाम हम लोकसभा व विधानसभा में देख चुके है. ऐसे में यदि हमने अलग-अलग चुनाव लडा, तो इसका निश्चित तौर पर हमें यानि महाविकास आघाडी को ही नुकसान होगा.

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