सोशल मीडिया के लिए नहीं होगा ६ करोड़ का खर्च
बाह्य यंत्रणा नियुक्त करने की बिल्कुल आवश्यकता नहीं

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उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने दिए निर्देश
मुंबई/दि.१३ – उपमुख्यमंत्री कार्यालय की सोशल मीडिया संभालने के लिए बाह्य यंत्रणा नियुक्त करने की बिल्कुल आवश्यकता नहीं है. इस संदर्भ में शासन निर्णय तत्काल रद्द करे, ऐसा निर्देश उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने दिया है.
उपमुख्यमंत्री कार्यालय को सोशल मीडिया पर स्वतंत्ररूप से कार्यरत रहने की जरूरत महसूस नहीं होती. सूचना व जनसंपर्क महासंचालनालय के माध्यम से शासकीय जनसंपर्क की जिम्मेदारी निभाना संभव होने पर उपमुख्यमंत्री कार्यालय के सोशल मीडिया की जिम्मेदारी बाह्य यंत्रणा पर सौंपने का सवाल ही नहीं उठता. फिलहाल की स्थिति में उपलब्ध जनसंपर्क व्यवस्था द्वारा ही इसके बाद भी नागरिको का े मीडिया से संवाद रखा जायेगा. ऐसा भी अजीत पवार ने स्पष्ट किया.
* क्या है मामला- अजीत पवार की सोशल मीडिया एकाऊंट्स संभालने की जिम्मेदारी बाहरी एजेंसी पर सौंपी जानेवाली थी. इसके लिए ठाकरे सरकार ६ करोड़ रूपये खर्च करनेवाली थी. राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग ने बुधवार को इस संबंध में आदेश जारी किया था. अजीत पवार ने लिए निर्णय सामान्य लोगों तक पहुंचाए. इसकी जिम्मेदारी भी इस एजेंसी पर दी जानेवाली थी.
अजीत पवार को ही ट्विटर हॅण्डल, फेसबुक, ब्लॉगर, युट्यूब, इन्स्टाग्राम एकाऊंट्स संभालने की तथा साऊंड क्लाऊड, वॉट्सअॅप बुलेटिन, टेलीग्राम चॅनल और एसएमएस ये जिम्मेदारी भी उनके पास दी जानेवाली थी.
अजीत पवार को ही सचिवालय और सूचना व जनसंपर्क महासंचालनालय के साथ (डीजीआयपीआर)चर्चा करने के बाद एजेंसी का चयन किया जाना था. आदेश में डीजीआयपीआर की ओर सोशल मीडिया के लिए व्यवसायिक और तकनीकी क्षमता की कमी है. जिसके कारण बाहरी एजेंसी की ओर इसकी जिम्मेदारी देना उचित रहेगा, ऐसा बताया गया था.
महत्वपूर्ण निर्णय, संदेश लोगों तक पहुंचाना उसी प्रकार सर्व सामान्य को ट्विटर, फेसबुक, ब्लॉगर, यु ट्यूब, इन्स्टाग्राम, साऊंड क्लाऊड, वॉट्सअॅप और टेलीग्राम चॅनल द्वारा उपमुख्यमंत्री के साथ संपर्क साधा जाए, यह जिम्मेदारी एजेंसी के पास हो. ऐसा आदेश में दर्ज था. जरूरत पडऩे पर मुख्यमंत्री कार्यालय के लिए काम करेंगे. डीजीआयपीआर एजेंसी को और पैसे नहीं दे सकते, ऐसा भी दर्ज था.