मरीजों को औषधी बेचने पर नहीं होगी डॉक्टर पर फौजदारी कार्रवाई
हाईकोर्ट का निर्णय : सत्र न्यायालय के वादग्रस्त मामले को किया रद्द
नागपुर/दि.7-खुद के अस्पताल के मेडिकल दुकान में मरीजों को औषधियां बेचने पर पंजीकृत डॉक्टर पर औषधी व सौंदर्य प्रसाधन कानून अंतर्गत फौजदार कार्रवाई नहीं की जा सकती, ऐसा निर्णय मुूंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ द्बारा एक मामले में दिया गया. यह महत्वपूर्ण निर्णय न्यायाधीश गोविंद सानप द्बारा दिया गया.
चंद्रपुर जिले के भद्रावती के मानसिक रोग तज्ञ डॉ. प्रशांत टिपले के अस्पताल में उन्हीं की मेडिकल स्टोर है और वे अपने मरीजों को औषधियां बेचते हैं. अन्न व औषधी प्रशासन द्बारा उनके खिलाफ विशेष सत्र न्यायालय मेंं औषधी व सौंदर्य प्रसाधन कलम 18 (सी) व 27 (बी) (2) के तहत मामला दर्ज किया था. सत्र न्यायालय द्बारा डॉ. टिपले को नोटिस जारी किया गया था. डॉ. टिपले ने नोटिस को लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की. उनके वकील एड. मोहित खंजाची ने औषध नियम 123 के प्रावधान की ओर उच्च न्यायालय का ध्यान आकर्षित कराया और कहा कि इसके तहत फौजदारी कार्रवाई नहीं की जा सकती. डॉ. टिपले ने बेची हुई औषधी गुणवत्तापूर्ण है और उन्होंने सुगनचंद मेडिकल से औषधी की खरीदी की थी. जिसका बिल भी बताया. उच्च न्यायायल ने सभी मुद्दों पर विचार कर उपरोक्त निर्णय दिया.