महाराष्ट्र

अमरावती व अकोला सहित 25 जिलों में प्रतिबंध होंगे शिथिल

 दुकान, होटल व सलून रात 8 बजे तक रहेंगे खुले

  •  विवाह समारोह में 100 लोगों की उपस्थिति को अनुमति

  •  व्यायामशाला, टॉकीज व प्रेक्षागृह 50 फीसदी क्षमता के साथ खुलेंगे

  •  शनिवार की दोपहर 4 बजे तक खुली रहेंगी दुकाने, रविवार को रहेगा पूरी तरह से लॉकडाउन

  • सीएम उध्दव ठाकरे के आदेश का हो रहा इंतजार

मुंबई/दि.30 – जिन जिलों में कोविड संक्रमण का पॉजीटिविटी रेट राज्य के औसत पॉजीटिविटी रेट से कम है, ऐसे 25 जिलों में लॉकडाउन के तहत लगाये गये प्रतिबंधों को जल्द ही शिथिल किया जायेगा. वहीं 11 जिलों को लेवल-3 में रखते हुए प्रतिबंधों को यथावत कायम रखा जायेगा. ऐसी जानकारी गत रोज राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे द्वारा दी गई. साथ ही यह भी कहा गया कि, इस बारे में अंतिम निर्णय राज्य के मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे द्वारा लिया जाना है और संभवत: अगले एक-दो दिनों में इस बारे में फैसला लेकरा उसे लागू कर दिया जायेगा.
बता दें कि, बुधवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक होने के साथ ही गुरूवार को मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे के साथ राज्य कोविड टास्क फोर्स व स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त बैठक हुई. जिसमें कोविड प्रतिबंधों को शिथिल करने के बारे में विस्तृत चर्चा की गई. हालांकि टास्क फोर्स के सदस्यों ने आगामी 15 अगस्त तक स्थिति को ‘जैसे थे’ रखने का सुझाव दिया है तथा इस बारे में टास्कफोर्स एवं राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे को अपनी-अपनी स्वतंत्र रिपोर्ट पेश की गई है. जिसका अध्ययन करने के बाद मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे कोई अंतिम निर्णय लेंगे, ऐसी जानकारी सूत्रों के जरिये दी गई है.
चूंकि इस समय राज्य के 36 में से 25 जिलों में कोविड संक्रमण की रफ्तार काफी हद तक घट गई है. ऐसे में वहां पर व्यवसायिक प्रतिष्ठानों, सलून व होटल को रात 8 बजे तक खुले रहने की अनुमति दी जायेगी. वहीं 50 फीसदी क्षमता के साथ व्यायाम शाला, चित्रपट गृह व नाट्यगृह को खुलने की अनुमति मिलेगी. इसके अलावा शनिवार व रविवार के दो दिवसीय विक एन्ड लॉकडाउन की बजाय शनिवार की शाम 4 बजे तक सभी दुकाने खुली रहेंगी और रविवार को एक दिवसीय कडा लॉकडाउन रखा जायेगा. इसके साथ ही अब विवाह समारोह में 100 लोगों को उपस्थित रहने की अनुमति दी जायेगी और फिलहाल पूरी तरह से बंद सांस्कृति, राजनीतिक, धार्मिक व सामाजिक कार्यक्रमों को सीमित लोगों की उपस्थिति में अनुमति दी जायेगी.

  •  आज अधिसूचना जारी होने की संभावना

सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार प्रतिबंधों के बारे में सभी नागरिकों को जानकारी उपलब्ध हो, इस हेतु आदेश लागू होने से 48 घंटे पहले सरकारी अधिसूचना जारी किया जाना जरूरी होता है. ऐसे में यदि 1 अगस्त से नये आदेश लागू करने है, तो सरकार को शुक्रवार की शाम तक ही नई अधिसूचना जारी करनी पडेगी. जिसकी ओर सभी की निगाहें लगी हुई है.

  •  11 जिलों में हालात ‘जैसे थे’

पुणे सहित पश्चिम महाराष्ट्र व कोंकण में अब भी संक्रमण की स्थिति काफी हद तक चिंताजनक है. ऐसे में राज्य के 11 जिलों को फिलहाल लॉकडाउन में किसी तरह की कोई छूट नहीं दी जा रही. बल्कि इन 11 जिलों को फिलहाल अनलॉक को लेकर बनायी गई पांच श्रेणियों में से तीसरी श्रेणी यानी लेवल-3 में रखा गया है. इन जिलों में पश्चिम महाराष्ट्र के पुणे, सातारा, सांगली, कोल्हापुर, सोलापुर, कोंकण के सिंधुदूर्ग, रत्नागिरी, रायगड व पालघर, मराठवाडा के बीड तथा उत्तर महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले का समावेश है.

  •  टास्क फोर्स ने 15 अगस्त तक स्थिति पर नजर रखने कहा

केरल में इन दिनों बडे पैमाने पर कोविड संक्रमित मरीज पाये जा रहे है. ऐसे में यदि 25 जिलों में लॉकडाउन को पूरी तरह से खत्म किया जाता है, तो कोविड संक्रमण की तीसरी लहर का खतरा राज्य में भी हो सकता है. ऐसी चेतावनी राज्य कोविड टास्क फोर्स द्वारा सरकार को दी गई है. साथ ही कहा गया है कि, आगामी 15 अगस्त तक संक्रमण एवं मरीजों की संख्या की समीक्षा की जाये. इसके बाद 25 जिलों को छूट देनी है अथवा नहीं इस पर विचार किया जाये. ऐसे में टास्क फोर्स के सुझाव को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार द्वारा तमाम आवश्यक विचार-विमर्श किया जा रहा है.

  • मराठवाडा में डेढ गुना अधिक बेड की तैयारी

सितंबर के अंत में तीसरी लहर आने की संभावना

वहीं दूसरी ओर सितंबर माह के अंत तक कोविड संक्रमण की तीसरी लहर आने की संभावना को देखते हुए राज्य सरकार के निर्देश पर मराठवाडा के सभी जिलों के अस्पतालों में डेढ गुना अधिक बेड की तैयारी की जा रही है. वरिष्ठ स्तर से अनुमान जताया गया है कि, तीसरी लहर के दौरान मराठवाडा में 45 हजार बेड की जरूरत पडेगी. ऐसे में यहां पर 64 हजार बेड तैयार रखे गये है. संभावना है कि, तीसरी लहर में 65 फीसद मरीजों का इलाज घर पर ही करना होगा और केवल 35 फीसदी मरीजों को ही अस्पताल में भरती कराना पडेगा. लेकिन दूसरी लहर की तुलना में तीसरी लहर के दौरान मरीजों की संख्या काफी अधिक रह सकती है. साथ ही संक्रमण की वजह से होनेवाली मौतों का प्रमाण भी काफी अधिक रह सकता है. इस बात के मद्देनजर दूसरी लहर के दौरान किसी भी शहर, विभाग अथवा जिले में जो सर्वाधिक रूग्णसंख्या थी, उससे डेढ गुना अधिक बेड तिसरी लहर के दौरान लगेंगे, ऐसा सरकार का मानना है.

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